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Ganga Dussehra – 20 June : सर्वार्थ सिद्धि व चित्रा नक्षत्र के योग में मनेगा पर्व, घरों की सुरक्षा के लिए चस्पा होंगे द्वार पत्र

Ganga Dussehra – 20 June गंगा दशहरा पर्व रविवार 20 जून को मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार मानव मात्र व समस्त जीवों के उद्धार के लिए मां गंगा इस दिन धरती पर आई थी। राजा भगीरथ ने गंगा को धरती पर लाने के लिए कठोर तपस्या की थी।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 07:26 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 01:43 PM (IST)
Ganga Dussehra – 20 June  : सर्वार्थ सिद्धि व चित्रा नक्षत्र के योग में मनेगा पर्व, घरों की सुरक्षा के लिए चस्पा होंगे द्वार पत्र
Ganga Dussehra – 20 June : सर्वार्थ सिद्धि व चित्रा नक्षत्र के योग में मनेगा पर्व

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : Ganga Dussehra – 20 June : गंगा दशहरा पर्व रविवार 20 जून को मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार मानव मात्र व समस्त जीवों के उद्धार के लिए मां गंगा इस दिन धरती पर आई थी। राजा भगीरथ व उनके पुरखों ने गंगा को धरती पर लाने के लिए कठोर तपस्या की थी। श्रीमद देवी भागवत महापुराण के नवम स्कन्ध में गंगा अवतरण व गंगा महात्म्य का विस्तार से वर्णन मिलता है। शास्त्रों में कहा गया है कि गंगा स्नान करने से जीवन परम मोक्ष को प्राप्त करता है। गंगा जी का स्मरण करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।

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घरों पर लगाए जाते हैं द्वार पत्र

कुमाऊं में गंगा दशहरा पर घरों के द्वार पर पत्र चस्पा किया जाता है। जिस पर मंत्र लिखा होता है। श्री महादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी बताते हैं कि द्वार पत्र पर लिखे मंत्र में अगस्त्य ऋषि, पुलस्त्य ऋषि, वैशम्पायन ऋषि, जैमिनी व सुमंत आदि सात ऋषियों के नाम लिखे होते हैं। इससे घर को वज्र से नुकसान होने का खतरा नहीं रहता। यह एक तरह से सुरक्षा कवच का काम करता है। गंगा दशहरा को अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन विवाह, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्य होते हैं।

गंगाजल मिले पानी से करें स्नान

ज्योतिषाचार्य मंजू जोशी ने बताया कि गंगा दशहरा पर चित्रा नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि का योग रहेगा। पूजन के लिए सूर्योदय से दोपहर 12:30 बजे तक का मुहूर्त है। इस दिन प्रात:काल उठकर गंगाजी में स्नान करना चाहिए। कोरोना काल में गंगाजल मिले पानी से स्नान करना चाहिए। इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। भोग व आरती कर गंगा मैया से खुशहाली व संपन्नता की कामना करें।

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