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परिवहन विभाग में घूस देकर हल्द्वानी से रुद्रपुर तक चल रहा ओवरलोडिंग का खेल naninital news

एक कार्ड या फिर कांटे की तौल पर्ची दिखाने पर ओवरलोडिंग वाहन को चुपके से निकलने दिया जाता है। इस खेल को रचने वाले दलालों का नेटवर्क परिवहन विभाग में काफी अंदर तक है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 12:05 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 11:35 AM (IST)
परिवहन विभाग में घूस देकर हल्द्वानी से रुद्रपुर तक चल रहा ओवरलोडिंग का खेल naninital news
परिवहन विभाग में घूस देकर हल्द्वानी से रुद्रपुर तक चल रहा ओवरलोडिंग का खेल naninital news

हल्द्वानी, जेएनएन : एक कार्ड या फिर कांटे की तौल पर्ची दिखाने पर ओवरलोडिंग वाहन को चुपके से निकलने दिया जाता है। इस खेल को रचने वाले दलालों का नेटवर्क परिवहन विभाग में काफी अंदर तक है। बस बदला है तो समय के साथ 'एंट्री' का पैसा। एंट्री यानी गाड़ी मालिक के पैसा देने के बाद वाहन का नंबर नोट कर लिया जाता है। एक बार में एक महीने की एंट्री होती है। गाड़ी को रास्ते में रोकने पर जब चालक इस कांटा पर्ची या फिर कार्ड को दिखाता है तो उसे निकलने दिया जाता है। परिवहन विभाग के अफसर पूरे मामले में अनभिज्ञता जता रहे हैं, पर उनकी कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में है। सूत्रों की मानें तो हल्द्वानी के एक  धर्मकांटे से इस पूरे खेल का संचालन होता है। महीने की शुरुआत में कांटे में वाहन स्वामियों का जमावड़ा लगता है।

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हल्द्वानी लोकल की एंट्री 1500

अगर किसी ट्रक या डंपर को हल्द्वानी में ही लोकल में सामान उतारना है और वह ओवरलोड भरता है तो बचने के लिए कार्ड की कीमत 1500 रुपये है। रामनगर व लालकुआं में भी कार्ड मिलता है।

रुद्रपुर तक का मामला 2000 में निपटेगा

मोटर मालिक अगर गाड़ी को रुद्रपुर तक चलाता है तो उसके लिए दूसरा कार्ड लेना पड़ेगा। इसकी कीमत पांच सौ रुपये बढ़कर दो हजार रखी गई है। कार्ड होने पर ओवरलोड में छूट मिलेगी। कभी-कभार छूटमुट कागज की कमी मिलने पर भी छोड़ दिया जाता है।

पर्ची में महीना और गाड़ी नंबर

कांटे की पर्ची में अक्सर तारीख और वजन लिखा होता है, लेकिन वाहन स्वामियों की मानें तो इस कोडनुमा पर्ची में गाड़ी का नंबर दर्ज होता है। इसके अलावा जिस महीने की एंट्री होगी, उसका जिक्र होगा। जैसे एक दिसंबर से 31 दिसंबर तक। छह साल पहले तक कार्ड का दाम तीन सौ रुपये महीना था।

उपखनिज, सीमेंट व ईट की गाडिय़ों की जरूरत

हल्द्वानी व लालकुआं से उपखनिज भारी मात्रा में बाहर जाता है। इसके अलावा रामपुर, बरेली से ईंट व रुद्रपुर से सीमेंट पहुंचता है। इन गाडिय़ों में अधिकांश ओवरलोड होता है। कार्रवाई से बचने को एंट्री लेना मालिक की मजबूरी भी है।

गौला की हर गाड़ी ओवरलोड

गौला में भले 108 क्विंटल वजन की छूट दी गई है, लेकिन परिवहन विभाग के नियमों के मुताबिक छह टायरा वाहन अधिकतम नब्बे क्विंटल उपखनिज भर सकता है। गौला से उपखनिज लेकर बाहर जाने वाली गाडिय़ां भी एंट्री करवाती है।

फोन पर नहीं सामने बात करूंगा

दैनिक जागरण ने जब मामले की पड़ताल करते हुए एक एजेंट से पूछा तो उसने कार्ड देने की बात से इन्कार तो नहीं किया, लेकिन साफ कहा कि फोन पर नहीं सामने बात करूंगा।

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