Gallantry Award List 2022 : दस लाख के इनामी नक्सली को ढेर करने वाले उत्तराखंड के जांबाज ललित साह को राष्ट्रपति पुलिस पदक सम्मान
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) में द्वितीय कमान अधिकारी के पद पर तैनात बागेश्वर निवासी ललित साह ने 2019 में झारखंड के दुम्का में दस लाख के इनामी नक्सलवादी को मार गिराया था। तब भारी मात्रा में गोला-बारूद जब्त किया था।
बागेश्वर, जागरण संवाददाता : बागेश्वर के माल रोड निवासी ललित साह का चयन राष्ट्रपति पुलिस वीरता पदक के लिए हुआ है। इसकी घोषणा बीते 26 जनवरी को दिल्ली में हुई है। वर्तमान में साह अपने घर पर हैं। उन्हें यह सम्मान झारखंड के नक्सल प्रभावित दुम्का इलाके में बेहद कठिन और महत्पूर्ण आपरेशन में दस लाख रुपये के इनामी नक्सलवादी को ढेर करने पर मिला है। उन्होंने बीते 2019 में देश की सेवा में अदम्य साहस और वीरता का प्रदर्शन किया था।
मिल चुका है स्वार्ड आफ आनर का सर्वोच्च सम्मान
सशस्त्र सीमा बल द्वितीय कमान अधिकारी ललित साह ने बताया कि देश की सेवा में अदम्य साहस एवं वीरता के सर्वोच्च प्रदर्शन के लिए इस बार राष्ट्रपति के पुलिस वीरता पदक से सम्मानित किए जाने का एलान हुआ है। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों के समापन अवसर पर यह घोषणा की गई है। ललित ने केंद्रीय विद्यालय पिथौरागढ़ से अपनी प्रारंभिक शिक्षा हासिल की है। राजकीय महाविद्यालय पिथौरागढ़ से स्नातक की डिग्री हासिल की है। 2008 में उन्हें सशस्त्र सीमा बल में सहायक कमांडेंट के पद पर नियुक्ति मिली थी। तब उन्होंने आधार प्रशिक्षण के दौरान स्वार्ड आफ आनर का सर्वोच्च सम्मान प्राप्त किया था। उन्होंने अभी तक अपनी सेवाएं भारत नेपाल सीमा, सीआइजेडब्ल्यू स्कूल ग्वालदम और झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में दी हैं।
चुनौती पूर्ण नक्सल एरिया में आपरेशन
भारत के वीर जवानों को हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति के पुलिस वीरता पदक यानी गैलंट्री मेडल से सम्मानित किया जाता है। इसी क्रम में उत्तराखंड निवासी सशस्त्र सीमा बल द्वितीय कमान अधिकारी ललित साह को इस बार यह पदक प्राप्त होगा। उन्होंने वर्ष 2019 में झारखंड के दुमका के नक्सल प्रभावित इलाके में चलाए गए एक बहुत ही महत्वपूर्ण और बेहद मुश्किल आपरेशन के दौरान एक्सचेंज आफ़ फायर में दस लाख के इनामी नक्सली को मार गिराया था। भारी मात्रा में गोला-बारूद जब्त किया था। इस आपरेशन ने दुमका झारखंड के नक्सलवादियों की कमर तोड़कर रख दी थी। इसके बाद कई नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण किया गया था। यह सम्मान मिलने पर बागेश्वर ही नहीं वरन उत्तराखंड भी गौरवांवित हुआ है।
दो बेटियों के पिता हैं ललित
द्वितीय कमान अधिकारी ललित साह ने बताया कि माता उमा साह और पत्नी श्वेता साह गृहिणी हैं। दो बेटियां तिष्णा और तोसी हैं। उनके पिता स्व. बीडी साह इंटर कालेज असों में शिक्षक और व्यापारी थे। वर्तमान में वह एसएसबी बल मुख्यालय आरके पुरम दिल्ली में तैनात हैं। वहां जल्द कार्यक्रम आयोजित होने वाला है। उसी दिन गृह मंत्री यह पदक भेंट करेंगे।