हल्द्वानी की 'पाठशाला' में गरीब बच्चों को 12वीं तक दी जाती है फ्री एजुकेशन
समाज का एक हिस्सा आज भी निर्धनता व जागरूकता के अभाव में शिक्षा से वंचित है। इसमें अधिकांश वे लोग शामिल रहते हैं जो झुग्गी-झोपडिय़ों मलिन बस्तियों में रहने को मजबूर हैं। ऐसे ही परिवारों के बच्चों को शिक्षा से रूबरू करा रही है हल्द्वानी की पाठशाला।
हल्द्वानी, भानु जोशी : समाज का एक हिस्सा आज भी निर्धनता व जागरूकता के अभाव में शिक्षा से वंचित है। इसमें अधिकांश वे लोग शामिल रहते हैं जो झुग्गी-झोपडिय़ों, मलिन बस्तियों में रहने को मजबूर हैं। ऐसे ही परिवारों के बच्चों को शिक्षा से रूबरू करा रही है हल्द्वानी की 'पाठशाला'। यहां न केवल बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा दी जाती है बल्कि सामाजिक सरोकार, संस्कारों से भी रूबरू कराया जाता है।
हल्द्वानी में शिक्षकों और समाजसेवियों की यह अनोखी पहल रंग ला रही है। पाठशाला की शुरुआत 2016 में हुई थी। उस समय कुछ शिक्षकों और समाजसेवियों ने मिलकर 'पाठशाला शिक्षण एवं सामाजिक संस्था' बनाई। राजपुरा क्षेत्र में एक भवन के कुछ कमरे किराए पर ले लिए। आपस में रकम जुटाकर फर्नीचर, कंप्यूटर, सीलिंग फैन लगवाए गए। पाठशाला में पहले वहां केवल छठीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चों की पढ़ाई शुरू हुई। कुछ समय बाद पहली से पांचवीं तक की कक्षा भी यहां शुरू हुई।
सबका अपना योगदान
इस पाठशाला में शिक्षक अमित जोशी गणित, लेक्चरर राकेश जोशी गणित-विज्ञान व प्राध्यापक डा. राजेंद्र सिंह भाकुनी राजनीतिक विज्ञान की कक्षा लगाते हैं। जबकि, संस्था अध्यक्ष डीके पंत, उपाध्यक्ष विनोद दानी, महामंत्री ध्रुव कश्यप, कोषाध्यक्ष नेत्रबल्लभ जोशी पाठशाला के संचालन और व्यवस्थाओं के लिए हर संभव मदद करते हैं।
बच्चों को पसंद आई पाठशाला
समिति के महामंत्री ध्रुव कश्यप बताते हैं कि राजपुरा, राजेंद्र नगर और जवाहर नगर में आज भी कई ऐसे परिवार हैं जिनकी रोजी-रोटी मजदूरी, कूड़ा बीनने से चलती है। इन कार्यों से इतनी आय नहीं होती कि वे अपने बच्चों को ट्यूशन या कोचिंग करा सकें। इसी को ध्यान में रखते हुए पाठशाला शुरू की गई। शुरुआत में यहां 58 बच्चे पढ़ते थे। 2017 के बाद से हर साल 100 से 150 बच्चे इसका लाभ उठा रहे हैं।
बोर्ड परीक्षार्थी एक माह तक पढ़ेंगे गणित-विज्ञान
समिति ने बताया कि कोरोना काल में पाठशाला में पढ़ाई नहीं हो सकी। फिलहाल स्थिति सामान्य होने तक कक्षाएं स्थगित रखी गई हैं, लेकिन जल्द ही आगामी बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए 10वीं और 12वीं के बच्चों के लिए एक माह की कक्षाएं लगाई जाएंगी।