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एनएच सहित पिथौरागढ़ के चार दर्जन मांर्ग बंद, सीमांत का शेष दुनिया से संपर्क कटा

बीते दिनों की बारिश की तबाही का दंश सीमांत जिला भुगत रहा है। सीमांत को बाहरी जनपदों और मैदानी क्षेत्रों से जोडऩे वाले टनकपुर-तवाघाट एनएच और अल्मोड़ा-सेराघाट-बेरीनाग मार्ग बंद रहे। जिले में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भंग रही।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 08:29 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 08:29 PM (IST)
एनएच सहित पिथौरागढ़ के चार दर्जन मांर्ग बंद, सीमांत का शेष दुनिया से संपर्क कटा
एनएच सहित पिथौरागढ़ के चार दर्जन मांर्ग बंद, सीमांत का शेष दुनिया से संपर्क कटा

जागरण टीम , पिथौरागढ़ : बीते दिनों की बारिश की तबाही का दंश सीमांत जिला भुगत रहा है। सीमांत को बाहरी जनपदों और मैदानी क्षेत्रों से जोडऩे वाले टनकपुर-तवाघाट एनएच और अल्मोड़ा-सेराघाट-बेरीनाग मार्ग बंद रहे। जिले में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भंग रही। उधर, चीन सीमा से लगे क्षेत्र को जोडऩे वाले तीनों मार्ग बंद होने से क्षेत्र का चौथे दिन भी संपर्क भंग रहा। चीन सीमा पर दारमा मार्ग बंद होने से पूजा के लिए दारमा गए लोग सेला से लेकर बालिंग तक फंसे हैं। वहीं ग्रामीणों को प्रशिक्षण देने दारमा गए 26 अधिकारी और कर्मचारी भी फंसे हैं।

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थल-मुनस्यारी मार्ग यातायात के लिए खुल चुका है। जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग में दो स्थानों पर गोरी नदी के कटाव से सड़क बह गई है। लुम्ती के निकट बीते वर्ष की आपदा में बहे चर गाड़ पर नवनिर्मित मोटर पुल खतरे में आ गया है। तहसील बंगापान के घुरु ड़ी, मनकोट, भ्यौला, धामीगांव सहित सात गांवों का शेष जगत से संपर्क भंग है। तीन दर्जन परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है। जोहार घाटी में पैदल पुल बहने से ग्रामीण फंसे हैं। रालम ग्लेशियर और गांव को जोडऩे वाले मार्ग में लिंगुरानी नदी में दो पुल बहने से भेड़पालक और ग्रामीण फंसे हैं।आपदा प्रभावित क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति भंग है। मुनस्यारी, धारचूला सहित ढाई दर्जन से अधिक गांवों में पेयजल आपूर्ति बाधित है।

अल्मोड़ा-सेराघाट-बेरीनाग मार्ग पर रविवार अपराह्न चट्टान दरकने से बंद है। एनएच के बंद होने से यहां से आवाजाही चल रही थी, परंतु अब जिले का शेष जगत से संपर्क भंग हुए 24 घंटे बीतने के बाद भी मार्ग खोलने के लिए लोनिवि की पौकलैंड मशीन मौके पर नहीं पहुंची है। 24 घंटे बाद ट्राला पहुंचा और अब बनकोट से मशीन पहुंचाई जा रही है। लोनिवि ने सोमवार की देर सायं तक मार्ग खोलने का दावा किया है। इस मार्ग के सोमवार तक नहीं खुलने पर पिथौरागढ़ जिले में अभाव की स्थिति बन सकती है। एनएच ने शीघ्र मार्ग खोलने का दावा किया है। पिथौरागढ़ से घाट के बीच रविवार रात भर मार्ग खोलने का कार्य जारी रहा। तीस किमी मार्ग में पांच स्थानों पर भारी मलबा आ गया था।

काली, गोरी, रामगंगा, मंदाकिनी नदियों के जलस्तर में हल्की गिरावट आई है। इससे प्रशासन ने राहत की सांस ली है। सीमांतवासियों और विधायक हरीश धामी ने आपदा प्रभावित क्षेत्रोंं राहत पहुंचाने और फंसे लोगों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर की मांग की है। विधायक ने शीघ्र कार्यवाही नहीं होने पर धरने पर बैठने की धमकी दी है। एनएच पर चुपकोट बैंड के पास मलबा हटाए जाने के बाद फिर से मलबा गिर गया है। सोमवार सायं जिलाधिकारी आनंद स्वरू प, पुलिस अधीक्षक सुखवीर सिंह ने एनएच के अधिकारियों के साथ चुपकोट बैंड का निरीक्षण किया। इस मौके पर एनएच के अधिकारियों को शीघ्र मार्ग खोलने के निर्देश दिए गए।

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