आम चुनाव से पहले भाजपा सरकार ने बेतालघाट के लिए खोली तिजोरी
बेतालघाट ब्लॉक में कोसी नदी में अलग-अलग गांवों को जोडऩे वाले चार झूला पुल निर्माण के लिए 58 करोड़ की मंजूरी प्रदान कर दी है।
नैनीताल, जेएनएन : आम चुनाव से पहले भाजपा सरकार ने बेतालघाट के लिए तिजोरी खोलते हुए दशकों पुरानी मांग पूरी कर दी है। बेतालघाट ब्लॉक में कोसी नदी में अलग-अलग गांवों को जोडऩे वाले चार झूला पुल निर्माण के लिए 58 करोड़ की मंजूरी प्रदान कर दी है। वित्त बैंक वित्त पोषित उत्तराखंड डिजास्टर रिफाइनेंसिंग प्रोग्राम के अंतर्गत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय कमेटी ने चारों पुलों को मंजूरी प्रदान की है।
दरअसल, बेतालघाट में तिवारीगांव-घंघरेटी रोपा सोपाटी, अमेल-खैराली व तल्ली सेठी-सिमतया को जोडऩे के लिए झूला पुल की मांग लंबे समय से जनता द्वारा की जा रही थी। विधायक संजीव आर्य ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव स्तर पर इसका प्रस्ताव सौंपा, साथ ही लगातार पैरवी भी की। परिवहन मंत्री यशपाल आर्य, सांसद भगत सिंह कोश्यारी की ओर से भी पहल की गई, जिसके बाद इन झूला पुलों को मंजूरी मिली है। प्रत्येक पुल की लागत 14.50 करोड़ है।
दस हजार से ज्यादा लोग होंगे लाभान्वित
चार पुलों की मंजूरी से इलाके के दो दर्जन गांवों की दस हजार से अधिक की आबादी का फायदा मिलेगा। तिवारीगांव-घंघरेटी पुल से डाप, गड़मोला, रौलियागांव, आमबाड़ी, पीपली, टग्यूड़ा, बड़ा, शेरबाड़ी, रतौड़ा। घंघरेटी पुल से घंघरेटी के साथ ही खुपलिया, जतना, चंद्रकोट, सोनाली, रोपा पुल से रोपा, सोपाटी, खिलौ, अमेल-थैराली पुल से खैराली, अमेल, तल्लीसीठ पुल से सिमतया व तल्लीसेठी की दस हजार की आबादी लाभान्वित होगी।
विधायक समर्थकों के निशाने पर कांग्रेस
क्षेत्र में चार झूला पुलों की एक झटके में मंजूरी से विधायक संजीव आर्य का सियासी ग्राफ बढ़ गया है तो उनके समर्थकों ने इस बहाने पूर्व विधायक सरिता आर्य पर सियासी हमला बोल दिया है। क्षेत्र के जिपं सदस्य पीसी गोरखा ने आरोप लगाया पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने रोपा पुल के लिए महज दस हजार टोकन मनी देकर क्षेत्रवासियों को गुमराह किया। पूर्व विधायक ने अपने कार्यकाल में इलाके की विकास की सुध नहीं ली। यहां बता दें कि रोपा पुल का पूर्व सीएम हरीश रावत व विजय बहुगुणा भी शिलान्यास कर चुके थे।
यह भी पढ़ें : हाई कोर्ट ने कैट के चेयरमैन को अवमानना नोटिस जारी जारी किया, जानिए कारण
यह भी पढ़ें : 1500 वन श्रमिकों को बड़ा झटका हाई कोर्ट से बड़ा झटका, एकलपीठ का अादेश निरस्त