Year Ender 2021 : हल्द्वानी में बड़े प्रोजेक्ट की बुनियाद पड़ी, स्वच्छता रैकिंग में पिछडऩे से हुई किरकिरी
साल 2021 बीतने की दहलीज पर पहुंच चुका है। कोरोना से प्रभावित वर्ष में निकायों से जुड़े विकास कार्य प्रभावित रहे। हालांकि अगस्त के बाद कामों तेजी आई। कुमाऊं की सबसे बड़ी हल्द्वानी नगर निगम के दृष्टिकोण से 2021 को मिलाजुला कहा जाएगा।

गणेश पांडे, हल्द्वानी : साल 2021 बीतने की दहलीज पर पहुंच चुका है। कोरोना से प्रभावित वर्ष में निकायों से जुड़े विकास कार्य प्रभावित रहे। हालांकि अगस्त के बाद कामों तेजी आई। कुमाऊं की सबसे बड़ी हल्द्वानी नगर निगम के दृष्टिकोण से 2021 को मिलाजुला कहा जाएगा। इस वर्ष जनहित से जुड़े कई बड़े प्रोजेक्ट की नींव जरूर पड़ी, मगर अभी यह साकार रूप में नहीं आ पाए हैं। आने वाले वर्षों में शहरवासियों को बड़ी सहूलियत उपलब्ध कराएंगी यह जरूर कहा जा सकता है। नए वार्डों में कूड़ा वाहनों के संचालन, घरों से कूड़ा उठाने के मामले में एक कदम आगे नहीं बढ़े। गीता भवन पार्क व आंबेडकर पार्क के रूप में शहर के सौगात जरूरी मिली है। पेश है सालाना सफर के पन्ने पलटती रिपोर्ट-
इन योजनाओं की नींव पड़ी
1. सीवर ट्रीटमेंट प्लांट : अमृत योजना के तहत गौला रोखड़ में बन रहे 28 एमएलडी क्षमता के एसटीपी का निर्माण कार्य जारी है। 35.58 करोड़ की परियोजना का 50 प्रतिशत कार्य हो चुका है। कार्यदायी संस्था पेयजल निगम ने मार्च 2022 तक प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। शहर के पुराने क्षेत्र को एसटीपी से जोड़ा जाना है।
2.विद्युत शवदाह गृह : रानीबाग में बिजली संचालित शवदाह गृह की मांग दशकों पुरानी है। 2.91 करोड़ की लागत से बनने वाले प्रोजेक्ट के लिए पहले चरण में 1.16 करोड़ रुपये जारी हुए। परियोजना का करीब 70 फीसद कार्य पूरा हो गया है। निगम की ओर से उपयोगिता प्रमाणपत्र जाने के बाद शासन से दूसरी किस्त नहीं मिल पाई है।
3.एसडब्ल्यूएम कंपोस्ट प्लांट : ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कंपोस्ट प्लांट की 33.97 करोड़ की डीपीआर को सितंबर 2018 में मंजूरी मिली थी। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में बनने वाले प्लांट के तकनीकी कार्य के लिए टेंडर नहीं हुए हैं। शासन ने पिछले सप्ताह टेंडर की शर्तों में बदलाव को मंजूरी दी है। अब टेंडर होने की उम्मीद जगी है।
इन सुविधाओं का होता रहा इंतजार
हल्द्वानी नगर निगम के 27 नए वार्डों में पर्यावरण मित्रों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। स्थानीय लोग व पार्षद कर्मचारियों की नियुक्ति की मांग उठाते हैं, लेकिन मोटे खर्च को देखकर निगम प्रशासन कर्मचारियों की तैनाती से बचते आ रहा है। पूरे वर्ष इसकी उम्मीद लगी रही। नव सम्मिलित वार्डों में घरों, प्रतिष्ठानों से रोजाना कूड़ा नहीं उठता। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम के तहत रोज कूड़ा उठना जरूरी है। चार माह पहले निगम ने वाहन खरीदे। चालक-परिचालक की नियुक्ति नहीं हुई है। शहर में लावारिश कुत्तों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने के लिए 46.16 लाख रुपये की लागत से एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर का भवन बनकर तैयार है। उपकरण लगाने के साथ संचालित होने का इंतजार है।
सफाई के पैमाने पर पिछड़ गए
स्वच्छता रैकिंग में हल्द्वानी इस बार 52 स्थान पिछड़ गया। शहर के लिए यह निराश करने वाला था। पिछले वर्ष के स्वच्छ सर्वे में हल्द्वानी को 229वां स्थान मिला था। 2021 में हल्द्वानी 52 स्थान पिछड़कर 281 वें नंबर पर पहुंच गया। हालांकि इसे सकारात्मक रूप में लेते हुए हम भविष्य में अधिक बेहतर प्रदर्शन करने की तरफ केंद्रित होकर काम कर पाएंगे। नगर निगम का प्रयास शहरवासियों का सहयोग किस हद तक सफल होता है यह अगले वर्ष के सर्वेक्षण में साफ होगा।
Edited By Skand Shukla