एनडी तिवारी का निधन : जिस दिन पैदा हुए, उसी दिन कह गए अलविदा
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का गुरुवार दोपहर को निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 92 वर्ष के थे।
नई दिल्ली, जेएनएन। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का गुरुवार दोपहर को निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 92 वर्ष के थे। तिवारी जी का पार्थिव शरीर तिलक लेन कोठी नंबर 9 ले जाया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के निधन के बाद शाम को 7:00 बजे के बाद मीडिया से बात करने की बात कह रहे हैं परिजन। शुक्रवार सुबह 10 बजे से शाम सात बजे तक उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा। उनके निधन के बाद तमाम राजनेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकारें मिलकर निर्णय करेंगी कि तिवारी का अंतिम संस्कार कहां होगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि उनका अंतिम संस्कार लखनऊ या हल्द्वानी में से कहीं हो सकता है।
एनडी तिवारी उत्तराखंड के अभी तक के इकलौते मुख्यमंत्री रहे हैं, जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। नए-नवेले राज्य उत्तराखंड के औद्यौगिक विकास के लिए उनके योगदान को हमेशा याद किया जाता है। उत्तराखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड के लिए तिवारी के योगदान की सराहना की है।
वह पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। पिछले महीने यानी 20 सितंबर को उन्हें ब्रेन स्ट्रोक के चलते दिल्ली में साकेत के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके पीछे उनकी पत्नी उज्ज्वला शर्मा और बेटा रोहित शेखर हैं।
18 अक्टूबर 1925 को तत्कालीन यूनाइटेड प्रोविंस में नैनीताल के पास बलूटी गांव में तिवारी का जन्म हुआ था। आज यह गांव उत्तराखंड में नैनीताल जिले में स्थित है। नारायण दत्त तिवारी के पिता पूर्णानंद तिवारी वन विभाग में अधिकारी थे। तिवारी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए, एलएलबी की पढ़ाई की।
ऐसा रहा राजनीतिक जीवन
सर्वप्रथम 1952 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से विधानसभा सदस्य। फिर 1957, 1969, 1974, 1977, 1985, 1989 और 1991 में विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए। दिसंबर 1985 से 1988 तक राज्यसभा के सदस्य रहे।
चार बार रहे मुख्यमंत्री
पहली बार 1976 से अप्रैल 1977, दूसरी बार तीन अगस्त 1984 से 10 मार्च 1985 और तीसरी बार 11 मार्च 1985 से 24 सितंबर 1985 और चौथी बार 25 जून 1988 से चार दिसंबर 1989 तक उप्र के मुख्यमंत्री रहे।
- वर्ष 1969, 1970, 1971-1975 तक उप्र मंत्रिमंडल में मंत्री।
- वर्ष 1977-79 और 1989-91 तक विधानसभा में नेता विरोधी दल रहे।
- जून 1980 से अगस्त 1984 तक केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री। सितंबर 1985 से जून 1988 तक केंद्र में उद्योग, वाणिज्य, विदेश और वित्त मंत्री रहे।
- जनवरी 1985 से मार्च 1985 तक विधान परिषद सदस्य रहे।
- नवंबर 1988 से जनवरी 1990 तक विधान परिषद सदस्य रहे।
- वर्ष 1994 में अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी।
- वर्ष 1995-96 में अध्यक्ष आल इंडिया इंदिरा कांग्रेस तिवारी
- वर्ष 2002 से 2007 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री।
- 22 अगस्त 2007 से 26 दिसंबर 2009 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल।
जेल में भी रहे तिवारी
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एनडी तिवारी जेल में भी रहे। वह बरेली सेंट्रल जेल में उन्हें आजादी की लड़ाई में बंद किया गया था।