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पूर्व सीएम रावत ने सरकार पर बोला हमला, कहा-ग्राम प्रधानों के लिए बढ़ा दी गई मुसीबत

पूर्व सीएम व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने कोरोना की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 19 May 2020 08:24 AM (IST)Updated: Tue, 19 May 2020 08:24 AM (IST)
पूर्व सीएम रावत ने सरकार पर बोला हमला, कहा-ग्राम प्रधानों के लिए बढ़ा दी गई मुसीबत
पूर्व सीएम रावत ने सरकार पर बोला हमला, कहा-ग्राम प्रधानों के लिए बढ़ा दी गई मुसीबत

हल्द्वानी, जेएनएन : पूर्व सीएम व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने कोरोना की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। रावत ने कहा कि सरकार ने ग्राम प्रधानों की मुसीबत बढ़ा दी है, जबकि सरकार को पहले गांवों में क्वारंटाइन सेंटरों में सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए थीं। इससे गांवों में बड़ी अजीब स्थिति बन गई है।

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सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पत्रकारों से मुखातिब पूर्व सीएम ने कहा कि प्रवासियों को रोजगार देने और राज्य की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए लगातार सुझाव दे रहे हैं। राज्य में फार्मास्यूटिकल की अपार संभावनाएं हैं। टूरिज्म के लिए नए सिरे से योजनाएं बनाने की जरूरत है। सरकार को तमाम संभावनाओं की तलाश करते हुए परंपरागत उत्पादों पर शोध बढ़ाना चाहिए।

रावत ने पीएम के लोकल-वोकल पर चुटकी लेते हुए कहा कि इस शब्द को सुनकर तो वह डर ही गए। जबकि सीएम रहते हुए उन्होंने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए नीति बनाई थी। उन्होंने जिस शिल्प को बढ़ाने के लिए काम शुरू किया था, उसी को लेकर दक्षिण के तमाम राज्य बहुत आगे हैं। उन्होंने राज्य सरकार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य में सरकार का मतलब केवल दिल्ली देखने तक सीमित रह गया है।

गांवों में क्वारंटाइन किया तो प्रधान देंगे सामूहिक इस्तीफा

बागेश्वर : प्रधानों ने सोमवार को डीएम से मिलकर प्रवासियों को जिला और तहसील स्तर पर क्वारंटाइन करने की मांग की। चेताया कि 20 मई तक वह इसका इंतजार करेंगे। यदि उनकी उपेक्षा हुई तो सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देंगे। जिले के प्रधानों का प्रतिनिधिमंडल  सोमवार को शारीरिक दूरी बनाते हुए डीएम कार्यालय पहुंचा। मीट‍िंंग हॉल में जिलाधिकारी ने सभी से बात की। इस बीच प्रधानों ने जिलाधिकारी से दो टूक कहा कि प्रवासियों को जिला और तहसील स्तर पर क्वारंटाइन किया जाए। प्रशासन उनकी निगरानी करे और प्रधानों को जिम्मेदारी से मुक्त रखा जाए। प्रधान सेवाभाव के तौर पर उनकी अप्रत्यक्ष रूप मदद को तैयार हैं। यदि क्वारंटाइन गांवों में किया गया तो वे सामूहिक इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने बीस मई तक यह व्यवस्था बनाने की मांग की। इसके बाद बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे। 

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