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डॉली रेंज में बांध बनाकर नाले को किया पुनर्जीवित, वन्‍यजीवों के लिए राहत

तराई पूर्वी वन प्रभाग के डॉली रेंज में जंगली जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था करने को एक नया प्रयोग किया गया है। जिसके तहत वन विभाग ने बौड़खत्ता बीट में सूखने की कगार पर आ चुके एक नाले पर बांध का निर्माण कर नाले को पुनर्जीवित किया गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 01:13 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2021 01:13 PM (IST)
डॉली रेंज में बांध बनाकर नाले को किया पुनर्जीवित, वन्‍यजीवों के लिए राहत
डॉली रेंज में बांध बनाकर किया नाले को पुनर्जीवित, वन्‍यजीवों के लिए राहत

लालकुआं, जागरण संवाददाता : तराई पूर्वी वन प्रभाग के डॉली रेंज में जंगली जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था करने को एक नया प्रयोग किया गया है। जिसके तहत वन विभाग ने बौड़खत्ता बीट में सूखने की कगार पर आ चुके एक नाले पर बांध का निर्माण कर नाले को पुनर्जीवित किया गया है। वर्तमान में उस बांध से जंगली जानवर अपनी प्यास तो बुझा ही रहे हैं, इसके साथ ही उस क्षेत्र का जल स्तर भी बढ़ने लगा है। 

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डॉली रेंज के वन क्षेत्राधिकारी अनिल जोशी ने बताया कि बौड़खत्ता बीट में श्रोत से निकलने वाला एक नाला सूखने लग गया था। उन्होंने गत वर्ष उक्त नाले में नाले में बांध का निर्माण कर दिया। जिसमे रिस कर धीरे-धीरे आ रहा पानी एकत्र होने लगा। कुछ ही समय के बाद बांध में पर्याप्त मात्रा में पानी जमा हो गया और जंगल में काफी दूर तक फैल गया। जिससे ना केवल जंगली जानवरों को पेयजल की व्यवस्था हो पाई बल्कि क्षेत्र में जल का जलस्तर भी ऊपर आ गया। और नाला फिर से पुनर्जीवित हो गया। इसके 

अलावा आसपास की वन संपदा को भी पर्याप्त मात्रा में पानी मिलने लगा है। डॉली रेंज के वन क्षेत्राधिकारी द्वारा किए गए इस इस अनूठे प्रयास से जंगल के एक भाग में पानी की पर्याप्त व्यवस्था हो गई। अधिकारी अनिल जोशी ने बताया कि बांध बनाने से दो किलोमीटर दूर तक पर्याप्त मात्रा में पानी फैल गया है । जिसमें जंगली जानवर अपनी प्यास बुझाते हैं।

अन्य क्षेत्रों में भी करना होगा यह प्रयास

भोजन व पानी की तलाश में आवादी क्षेत्र में पहुंच रहे जंगली हाथियों को रोकने के लिए यह प्रयास कारगर साबित हो सकता है। वन विभाग द्वारा अन्य क्षेत्रों में भी इस प्रयोग को आजमाना चाहिए। ताकि वन्य जीव संघर्ष में रोक लग सके।


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