Nainital Bird Flu : बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट हुआ वन महकमा, संकट से बचने के लिए कर्मियों को दिया प्रशिक्षण
पहले सत्र में पशु चिकित्साधिकारी डॉ हिमांशु पांगती ने बर्ड फ्लू के लक्षण उस से ग्रसित पक्षियों के सैंपल लेने के साथ ही खुद के बचाव करने के तरीके के बारे में जानकारी दी। पक्षी विशेषज्ञ केएस सजवाण ने बताया कि खतरा सबसे अधिक प्रवासी पक्षियों से है।
जागरण संवाददाता, (नैनीताल) : देश के विभिन्न क्षेत्रों में सामने आ रहे बर्ड फ्लू के मामलों को देखते हुए वन महकमा अलर्ट हो गया है। विभाग ने संभावित संकट को देखते हुए इससे निपटने की तैयारियां शुरू कर दी है। जिसको लेकर कर्मियों को विशेष जानकारी देने के साथ ही इससे बचाव को लेकर प्रशिक्षण दिया गया।
सोमवार को गोविंद बल्लभ पंत उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें विशेषज्ञों ने कर्मियों को बर्ड फ्लू से जुड़ी जानकारियां देने के साथ ही इससे निपटने के इंतजामों के बारे में बताया। कार्यशाला के पहले सत्र में पशु चिकित्साधिकारी डॉ हिमांशु पांगती ने बर्ड फ्लू के लक्षण उस से ग्रसित पक्षियों के सैंपल लेने के साथ ही खुद के बचाव करने के तरीके के बारे में जानकारी दी। दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए पक्षी विशेषज्ञ केएस सजवाण ने बताया कि बर्ड फ्लू का खतरा सबसे अधिक प्रवासी पक्षियों से है।
क्षेत्र में यूरोप और अन्य देशों से प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं। इसमें से पानी के पास रहने वाले पक्षियों के साथ ही गिद्ध और चील जैसे प्रवासी पक्षी भी शामिल है। उन्होंने कहा कि नैनीताल वन प्रभाग के समीपवर्ती क्षेत्रों में जलीय क्षेत्रों व बैराज की संख्या कम होने के कारण ऐसी पक्षी कम पहुंचते हैं। जिससे संक्रमण का खतरा कम है, लेकिन इसके बावजूद इसको लेकर सावधानी बरतना जरूरी है। उन्होंने गिद्ध व चीलों पर खास नजर रखने की बात कही। कहा कि क्षेत्र में कूड़े के आसपास कर्मचारी अपनी नजर बनाए रखें। इस दौरान डीएफओ बीजू लाल टीआर ने सभी कर्मियों को बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट रहने के निर्देश दिए।
कार्यशाला में नैना रेंज वनक्षेत्राधिकारी ममता चंद, मनोरा रेंज भोपाल सिंह मेहता, नगर पालिका रेंज प्रमोद तिवारी, बडौन रेंज सोनल पनेरु, उत्तरी गोला रेंज प्रमोद आर्य, दक्षिणी गोला रेंज शशि देव, जू वनक्षेत्राधिकारी अजय रावत, डिप्टी रेंजर दीपक तिवारी, अतुल भगत समेत अन्य कर्मचारी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन दीपक तिवारी ने किया।