श्रमिकों को वेतन देने के मामले में आदेश का पालन करें या आठ नवंबर को पेश हों पीसीसीएफ : हाई कोर्ट
याचिकाकर्ताओं का कहना था कि हाई कोर्ट ने 18 दिसंबर 2020 को सरकार की लगभग 130 स्पेशल अपीलों को निरस्त कर दिया था। साथ ही विभिन्न वन प्रभागों में कार्यरत दैनिक श्रमिकों को समान कार्य समान वेतन व अन्य भत्ते देने के निर्देश दिए थे।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : उच्च न्यायालय ने प्रमुख वन संरक्षक को आठ नवंबर तक पूर्व में दिए अपने आदेश का पालन सुनिश्चित कराने को कहा है। या फिर उन्हें कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश दिए हैं।
शुक्रवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में वन श्रमिक भरत सिंह, गब्बर सिंह व 32 अन्य की अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि हाई कोर्ट ने 18 दिसंबर 2020 को सरकार की लगभग 130 स्पेशल अपीलों को निरस्त कर दिया था। साथ ही विभिन्न वन प्रभागों में कार्यरत दैनिक श्रमिकों को समान कार्य समान वेतन व अन्य भत्ते देने के निर्देश दिए थे। लेकिन अभी तक विभाग ने कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया।
हाई कोर्ट की एकलपीठ ने भी उनके पक्ष में आदेश पारित किया था। जिसके बाद में सरकार ने स्पेशल अपील दायर कर एकलपीठ के आदेश को चुनौती दी। याचिकर्ताओं का कहना है कि सालों से विभिन्न वन प्रभागों में दैनिक श्रमिक के रूप में काम कर रहे हैं लेकिन उनको नियमित कर्मचारियों की तरह समान कार्य व समान वेतन व अन्य भत्तों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। 2016, 2017 व 2018 में अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थी। न्यायालय के आदेश होने के उपरांत भी उनको यह लाभ नहीं दिया जा रहा है। कोर्ट ने अब पीसीसीएफ को आदेश का अनुपालन करने या आठ नवंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश पारित किए हैं।