मेडिकल स्टोरों में फ्लो मीटर और पल्स ऑक्सीमीटर का टोटा, जरूरत न होने पर भी लोग जमा कर रहे दवाइयां
जिन लोगों का ऑक्सीजन लेवल ठीक भी है वो भी ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य उपकरण घर में जमा करने लगे हैं। इस तरह एकदम खपत बढऩे के कारण मेडिकल स्टोरों में ऑक्सीजन फ्लो मीटर पल्स ऑक्सीमीटर समेत कई एंटीबायोटिक और एंटीवायरल दवाइयों का टोटा हो गया है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कोरोना की इस दूसरी लहर के बीच जमाखोरी और इंटरनेट मीडिया पर चल रही भ्रामक खबरों ने चिंता बढ़ाई हुई है। जिन लोगों का ऑक्सीजन लेवल ठीक भी है, वो भी ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य उपकरण घर में जमा करने लगे हैं। इस तरह एकदम खपत बढऩे के कारण मेडिकल स्टोरों में ऑक्सीजन फ्लो मीटर, पल्स ऑक्सीमीटर समेत कई एंटीबायोटिक और एंटीवायरल दवाइयों का टोटा हो गया है।
हल्द्वानी शहर में करीब 250 मेडिकल स्टोर संचालित हो रहे हैं। अति आवश्यकीय सेवा के तहत आने के कारण मेडिकल स्टोर खुले रखे गए हैं। इधर, बीच में दूसरे राज्यों के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण इंटरनेट मीडिया में लोगों द्वारा भ्रामक जानकारियां प्रसारित कर दी गई थी। जिसके बाद होम आइसोलेशन में रखे गए कोरोना संक्रमितों व स्वस्थ लोगों ने भी ऑक्सीजन सिलिंडर और उससे जुड़े अन्य उपकरण घर में रखने शुरू कर दिए।
जबकि डॉक्टरों ने ये स्पष्ट किया था कि ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत उन्हीं संक्रमितों को पड़ रही है जिनका ऑक्सीजन लेवल तय मानक से कम है और वे अस्पताल में भर्ती हैं। होम आइसोलेट संक्रमितों को इसकी जरूरत नहीं है। लेकिन इसके बावजूद जमाखोरी बढ़ती रही। अब आलम यह है कि लोगों ने ऑक्सीजन सिलेंडर ही नहीं बल्कि इसमें लगने वाला फ्लो मीटर भी खरीदना शुरू कर दिया है। मेडिकल स्टोर संचालकों ने बताया कि इस समय होलसेलरों ने भी कमी के कारण इसकी सप्लाई बंद कर दी है।
कई दवाइयां भी गायब
रामपुर रोड, बरेली रोड स्थित एक दर्जन से अधिक मेडिकल स्टोरों में एंटीबायोटिक और एंटीवायरल दवाइयां भी नहीं हैं। ये दवाइयां आमतौर पर कोरोना संक्रमितों के लिए डाक्टर सुझाते हैं।
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