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चीन सीमा से लगे 36 हिमालयी गांवों में मिलेगा मछली का स्वाद, बनेंगे मत्स्य टैंक

चीन सीमा से लगे उच्च हिमालयी गाावों के ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक कार्य योजना तैयार करने के लिए पहली बार मंडलायुक्त की पहल पर उच्च मध्य हिमालय चौंदास के पांगू नामक स्थान पर कार्यशाला का आयोजन हुआ।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 04:29 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 06:27 PM (IST)
चीन सीमा से लगे 36 हिमालयी गांवों में मिलेगा मछली का स्वाद, बनेंगे मत्स्य टैंक
चीन सीमा से लगे 36 हिमालयी गांवों में मिलेगा मछली का स्वाद, बनेंगे मत्स्य टैंक

पिथौरागढ़, जेएनएन : चीन सीमा से लगे उच्च हिमालयी गाावों के ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक कार्य योजना तैयार करने के लिए पहली बार मंडलायुक्त की पहल पर उच्च मध्य हिमालय चौंदास के पांगू नामक स्थान पर कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस कार्यशाला में प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा विकास विभागों के आला अधिकारी, स्थानीय ग्रामीण जनप्रतिनिधि , ग्रामीण मौजूद रहे। उच्च हिमालय को शीत मत्स्य प्रजाति कार्प टाड मछली उत्पादन से ग्रामीणों की आर्थिकी सुधारने की कार्य योजना तैयार की गई। इस योजना के तहत आने वाले समय में चीन सीमा से लगे सभी गांवों में मत्स्य टैंक होंगे। इन तालाबों में शीत जल की कार्प टाड मछली का उत्पादन होगा। पहली बार उच्च हिमालय में भी लोगों को मछली का स्वाद मिलेगा।

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पांगू प्राथमिक विद्यालय के प्रांगण मेंं आयुक्त कुमाऊं मंडल अरविंद ह्यांकी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला में विभिन्न विभागों द्वारा प्रदर्शनी लगाकर अपने -अपने विभागों की जानकारी दी गई। होम स्टे के अलावा सभी गांवों में कलस्टर बेस पर कृषि औद्यानिक विकास का खाका भी खींचा गया। जिसे पयर्टन के साथ जोड़ कर रेखीय विभागों को इसके प्रस्ताव शीघ्र तैयार करने के कहा गया। कार्यशाला में भेषज, कृषि , उद्यान , पशुपालन सहित सभी विभागो से संबंधित चर्चा की गई। मंडलायुक्त ने कहा कि कर्यशाला का मुख्य उद्देश्य जनता अपने अधिकारियों को जाने और अधिकारी भी इस दूरस्थ क्षेत्र तक पहुंचे । जिसे देखते हुए पांगू में कार्यशाला का आयोजन किया गया। उन्होंने सरकार की संचालित सभी योजनाओं सभी को पेयजल संयोजन देने के निर्देश दिए।

धारचूला में बन रहा है यारसा गंबू का ग्रोथ सेंटर

कार्यशाला में बताया गया कि महत्वपूर्ण कीड़ा जड़ी दोहन में सरकार स्तर से सरलीकरण हो चुका है। विदोहन के लिए प्रधान , पटवारी के माध्यम से रेंज कार्यालय में ही पंजीकरण होने लगा है। प्रतिवर्ष कीड़ा जड़ी विदोहन करने वाले लोगों की सूची एसडीएम कार्यालय को उपलब्ध कराई जाएगी। वन विभाग ने बताया कि धारचूला में कीड़ा जड़ी का ग्रोथ सेंटर बनाया जा रहा है।

134 का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण

कार्यशाला के दौरान लगे शिविर में 134 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। 70 लागों को राजस्व विभाग ने प्रमाण पत्र दिए, 94 लोगों को कृषि बीज उपकरण मिले। इस मौके पर पर्यटन विभाग द्वारा 59, मस्त्य विभाग द्वारा 60 और उरेडा विभाग द्वारा 40 आवेदन प्राप्त किए गए।

कार्यशाला में मौजूद अधिकारी

डीएम डॉ. वीके जोगदंडे,एडीएम आरडी पालीवाल, पीडी आशीष पुनेठा, एसडीएम केएन गोस्वामी, बीडीओ मानस मित्तल,उप प्रभागीय वनाधिकारी नवीन पंत, मुख्य उद्यान अधिकारी आरएस वर्मा, जीएम उद्योग कविता भगत के अलावा जनप्रतिनिधियों में ग्राम प्रधान प्रेमा ह्यांकी, सरपंच अशोक पतियाल, प्रधान मदन नबियाल, प्रधान दीपू गर्खाल, प्रधान पुष्पा देवी, प्रधान सोसा लक्ष्मण ह्यांकी, जसपाल सिंह, धर्मेन्द्र सिंह , अंजू देवी, पूजा देवी , लक्ष्मी देवी सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित होंगे।


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