Move to Jagran APP

कोसी नदी में विस्फोट कर मछलियों का किया जा रहा है शिकार, रोहू के अस्तित्व पर छाया संकट

कोसी में मछलियों का शिकार करने वाले हरकतो से बाज नही आ रहे। पूर्व में नदी क्षेत्र में मछलियों का शिकार करने पर पाबंदी लगी थी। हटते ही मछलियों का शिकार करने वाले अराजक तत्व एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 10 Nov 2020 12:44 PM (IST)Updated: Tue, 10 Nov 2020 12:44 PM (IST)
कोसी नदी में विस्फोट कर मछलियों का किया जा रहा है शिकार, रोहू के अस्तित्व पर छाया संकट
कोसी नदी में विस्फोट कर मछलियों का किया जा रहा है शिकार, रोहू के अस्तित्व पर छाया संकट

गरमपानी, जेएनएन : कोसी नदी में मछलियों का शिकार करने वाले अपनी हरकतो से बाज नही आ रहे। पूर्व में पुलिस प्रशासन के शिकंजा कसने के बाद काफी हद तक नदी क्षेत्र में मछलियों का शिकार करने पर पाबंदी लगी थी पर नजर हटने के साथ ही मछलियों का शिकार करने वाले अराजक तत्व एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। बकायदा गंधक पोटाश का इस्तेमाल कर नदी में धमाके से मछलियां मारी जा रही हैं।

loksabha election banner

कोसी नदी एक बार फिर अराजक तत्वों के निशाने पर आ गई है। छड़ा क्षेत्र से रानीखेत पुल तक जगह-जगह अराजक तत्व गंधक पोटाश के मिश्रण का इस्तेमाल कर नदी में धमाका कर मछलियों की जान ले रहे हैं। धमाके से कई मछलियां बेमौत मारी जा रही हैं। आलम यह है कि नियम कानून को ठेंगा दिखा दिन दोपहर ही धड़ल्ले से नदी क्षेत्र में धमाका किया जा रहा हैं जिससे सैकड़ों मछलियां मर रही है। कोसी नदी में पाई जाने वाली संरक्षित प्रजाति की रोहू मछली के अस्तित्व पर भी संकट गहराने लगा है।

गंधक पोटाश के मिश्रण से किए जाने वाले धमाके से बड़ी घटना के सामने आने का भी खतरा बना हुआ है बावजूद अराजक तत्व धड़ल्ले से कोसी नदी में मछली मार रहे हैं। नदी क्षेत्र में धमाके से मछलियों का शिकार किए जाने से स्थानीय लोगों में भी गहरा रोष व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि धमाके से एक साथ कई मछलियां मर जाती है। मछलियों का बीज तक समाप्त हो जाता है। क्षेत्रवासियों ने नदी क्षेत्र में धमाके से मछली मारने वालों तथा प्रतिबंधित गंधक पोटाश बेचने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई कर शिकंजा कसने की मांग की है।

कोसी नदी क्षेत्र में जहां गंधक पोटाश के मिश्रण से मछलियों की जान ली जा रही है वहीं उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी में अराजक तत्व करंट का इस्तेमाल कर मछलियां मार रहे हैं। अराजक तत्व बिजली के तार को हाईटेंशन लाइन में फंसा कर नदी क्षेत्र में करंट प्रभावित करते हैं जिससे एक साथ ढेर सारी मछलियों की मौत हो जाती है। छोटी छोटी मछली के बच्चे तक बेमौत मारे जाते हैं। करंट का इस्तेमाल करने से मछली मारने वालों पर भी खतरा मंडराता है। बावजूद जान जोखिम में डाल अराजक तत्व धड़ल्ले से मछली मारते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.