टेंडर खुलने से पहले ही लीक होने पर जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी पर एफआइआर दर्ज
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में उपकरणों की खरीद को निकाले गए टेंडर खुलने से पहले ही लीक हो गए। एक कंपनी ने इसका भरपूर फायदा भी उठाया।
रुद्रपुर, कंचन वर्मा : जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में उपकरणों की खरीद को निकाले गए टेंडर खुलने से पहले ही लीक हो गए। एक कंपनी ने इसका भरपूर फायदा भी उठाया। मामला सुर्खियों में आने के बाद प्रशासन ने इस कंपनी के नई टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने पर रोक लगा दी। वहीं वीडियो फुटेज में स्थिति साफ होने के बाद इस मामले में पंतनगर थाने में एफआइआर भी दर्ज कराई गई है। कलक्ट्रेट के अनुभाग प्रभारी संग्रह की ओर से दर्ज इस रिपोर्ट में जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी अनिल शर्मा, अनुसेवक देवेंद्र कुमार आर्या व टेंडर प्रक्रिया में धोखाधड़ी करने वाली हापुड़ की अफिल केमिकल इंडिया के प्रतिनिधि तरुण गोयल को नामजद किया गया है।
वर्ष 2018-19 के लिए प्राप्त हुई राज्य आपदा मोचन निधि से आपदा प्रबंधन हेतु उपकरणों की खरीद की जानी थी। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हुई जिसमें दिल्ली की इन्नोवेशन इंडिया, हापुड़ की अफिल केमिकल इंडिया तथा देहरादून की आरडीसी इंटरप्राइजेज व डिफेंस इक्यूपियर्स ने हिस्सा लिया था। सभी ने अपने-अपने रेट के टेंडर डाले थे। आरोप है कि इस मामले में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की भूमिका संदिग्ध रही। हापुड़ की अफिल केमिकल इंडिया को लाभ पहुंचाने की नीयत से टेंडर खुलने के बाद प्रपत्रों में हेराफेरी करा दी गई। यह मामला जिलाधिकारी डॉ. नीरज खैरवाल तक पहुंचने के बाद उन्होंने टेंडर प्रक्रिया निरस्त करने के साथ ही नई टेंडर प्रक्रिया में अफिल केमिकल इंडिया और उसके प्रतिनिधि तरुण गोयल के हिस्सा लेने पर रोक लगा दी। साथ ही एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश भी दिए। जिलाधिकारी के निर्देश पर पंतनगर थाने में चारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।
ऐसे की गई गड़बड़ी
आपदा प्रबंधन उपकरणों की खरीद के लिए पांच कंपनियों ने टेंडर डाले थे। इसमें एक कंपनी को टेक्निकल बिड में आउट कर दिया था जबकि चार कंपनियां शेष थीं। टेंडर खुल भी गए थे पर गड़बड़ी डेमोस्ट्रेशन के दौरान हुई। इस दौरान एडीएम उत्तम ङ्क्षसह चौहान के अलावा प्रभारी अधिकारी कलक्ट्रेट एनएस नबियाल समेत कमेटी के सभी सदस्य और चारों कंपनियों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। आपदा प्रबंधन अधिकारी अनिल शर्मा से टेंडर की फाइल मंगाई गई तो वह यह कहकर चले गए कि उन्हें एडीएम एलओ की बैठक में जाना है। उन्होंने फाइल अनुसेवक देवेंद्र कुमार आर्या को थमाकर उसे एडीएम चौहान को देने को कहा था। इसी बीच डेमोस्ट्रेशन में मौजूद अफिल केमिकल इंडिया का प्रतिनिधि तरुण गोयल भी गायब हो गया। कुछ समय तक नहीं लौटा तो लोगों को शक हुआ। अन्य कंपनियों के प्रतिनिधि उसे आपदा प्रबंधन कार्यालय में देखने लगे। कर्मचारियों ने बताया कि फाइल तो देवेंद्र के पास है। आवाज दी गई तो देवेंद्र फाइल छोड़कर वॉशरूम से तेजी से निकला। शक होने पर कंपनी प्रतिनिधि वॉशरूम में गए तो फाइल वहां पड़ी थी। यह मामला कुछ ही देर में सुर्खियों में आ गया। फाइल में ओवररेङ्क्षटग पाई गई। कार्यालय की वीडियो फुटेज देखी गईं तो साफ हो गया कि कुछ तो गड़बड़ है। इसी आधार पर टेंडर निरस्त हुए और एफआईआर दर्ज कराई गई।
कमेटी में ये अधिकारी थे शामिल
टेंडर को लेकर गठित कमेटी में कलक्ट्रेट के प्रभारी अधिकारी एनएस नबियाल, मुख्य अग्निशमन अधिकारी नरेंद्र ङ्क्षसह कुंवर, सहायक कोषाधिकारी गिरीश चन्द आर्या तथा 46वीं वाहिनी पीएसी के क्वार्टर मास्टर अजय कुमार आर्या सदस्य थे।
एआइआर दर्ज होने से कोई अपराधी नहीं हो जाता
अनिल शर्मा, आपदा प्रबंधन अधिकारी, ऊधमसिंहनगर ने बताया कि प्रपत्रों से मेरे कार्यालय में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। आरोप पूरी तरह से झूठे हैं। किसी कंपनी से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। एफआईआर होने से कोई दोषी नहीं हो जाता। जांच में सब कुछ पूरी तरह से साफ हो जाएगा।
फाइल से की गई है छेड़छाड़
एनएस नबियाल, मजिस्ट्रेट/ओसी, कलक्ट्रेट ने बताया कि अनुसेवक ने टेंडर की फाइल आरोपी कंपनी के प्रतिनिधि को दी और वॉशरूम में इस फाइल से छेड़छाड़ की गई। वीडियो फुटेज में गड़बड़ी के साक्ष्य मिले थे। इसी आधार पर टेंडर रद किए गए और नई टेंडर प्रक्रिया में आरोपी कंपनी को शामिल होने से रोका गया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, अनुसेवक और कंपनी प्रतिनिधि के खिलाफ इसी आधार पर एफआईआर दर्ज कराई गई है।
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