रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज का नाम बदलने के प्रस्ताव पर सेनानी उत्तराधिकारी धरने पर बैठे
आज भी राज्य में व जिले में कई संस्थान बन रहे हैं जिनका नाम सरदार पटेल के नाम पर रखने का प्रस्ताव किया जा सकता था परंतु मेडिकल कॉलेज का एक सेनानी पंडित शुक्ल का नाम बदलकर सरदार बल्लभ भाई पटेल का नाम रखने का प्रस्ताव राजनीति से प्रेरित है।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : मेडिकल कॉलेज का नाम प. राम सुमेर शुक्ल के नाम से बदलने का प्रस्ताव पास होने पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी भड़क उठे। उन्होंने प्रदेश उपाध्यक्ष जगत सिंह परिहार के नेतृत्व में गांधी पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे बैठकर मेडिकल कॉलेज का नाम बदलने को लेकर की जा रही राजनीति व बयानबाजी के विरुद्ध सत्याग्रह किया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के लोग शनिवार पूर्वाह्न गांधी पार्क में पहुचे।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन जिला अध्यक्ष मनोहर चंद लोहनी ने कहा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हल्द्वानी में जिला पंचायत के प्रस्ताव को नकार कर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान बढ़ाया है। कहा किसी भी संस्था का नाम सेनानी/शहीद के नाम पर है तो उसे बदलने की बजाय किसी भी नई संस्था का नाम दूसरे सेनानी/शहीद के नाम पर रखा जा सकता है। जिला पंचायत द्वारा यदि वास्तव में सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर गंभीरता है तो 20 वर्षों से इसी परिवार के पास जिला पंचायत अध्यक्ष का पद है, वह बताए पूर्व में कितनी संस्थाओ का नाम सरदार पटेल के नाम पर रखने का प्रस्ताव। आज भी राज्य में व जिले में कई संस्थान बन रहे हैं जिनका नाम सरदार पटेल के नाम पर रखने का प्रस्ताव किया जा सकता था परंतु मेडिकल कॉलेज का एक सेनानी पंडित शुक्ल का नाम बदलकर सरदार बल्लभ भाई पटेल का नाम रखने का प्रस्ताव राजनीति से प्रेरित है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अविनाश गुप्ता ने कहा पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ मुख्यमंत्री हरीश रावत से सौदेबाजी के नाम पर अपनी खीज मिटा रहे।
सत्याग्रह करने वालो में जितेंद्र तिवारी, अजय तिवारी, रमेश चतुर्वेदी, संजीव पांडे, कृष्ण कान्हा तिवारी, दिग्विजय सिंह खाती, दीपक मिश्रा, नीरज खुग्गर, नवनीत मिश्रा, कृष्णकांत तिवारी, शुभाशीष बिष्ट, चंदन मिश्रा, नरेश मिश्रा, उदय शंकर तिवारी, रविंद्र मणि त्रिपाठी, सुशील यादव, रघुनाथ वर्मा, विजेंदर चौधरी, पंकज अरोरा, प्रवेश तिवारी, आलोक राय, नारायण पाठक, दिग्विजय सिंह खाती आदि सेनानी उत्तराधिकारी मौजूद थे।
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