तय हो फसलों का समर्थन मूल्य, मंडी से लेकर दुकानदारों तक मिले एक दाम
किसानों ने सर्मथन मूल्य को लेकर सरकार से क़ानून बनाने की मांग है। क्षेत्र में बिचौलियों की मनमानी से परेशान किसान अपनी फ़सलों को औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन : केंद्र सरकार ने कोरोना काल में पीएम-किसान सम्मान निधि की 6वीं किश्त जारी कर किसानों को राहत दी है। किसानों ने इसका स्वागत करते हुए फ़सलों के सर्मथन मूल्य को लेकर सरकार से क़ानून बनाने की मांग है। क्षेत्र में बिचौलियों की मनमानी से परेशान किसान अपनी फ़सलों को औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं। किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा फ़सलों का सर्मथन मूल्य तय करने के साथ ही मंडी व दुकानदारों तक फ़सलों के एक दाम मिलना चाहिए। कहा कि जिस दिन यह कानून बन जाएगा, किसान आत्मनिर्भर होने के साथ हो आर्थिक रूप से भी मजबूत हो जाएंगे।
क्या कहते हैं किसान
किसान रतन सिंह ने बताया कि सरकार को छोटे किसानों के हित में अलग से सोचना होगा । पेंशन के साथ प्रकृतिक आपदा से फ़सलों काे हुए नुकसान का पूरा मुआवज़ा किसानों को मिलना चाहिये। किसान नरेंद्र मेहरा ने कहा कि सरकार समर्थन मूल्य तय तो करी है, मगर किसानों के फ़सलों का उचित दाम नहीं मिलता है। इसपर सरकार सख़्त निति बनाना चाहिये।
कुमाऊं के किसानों को मिलेगी 21 करोड़ की सौगात
कुमाऊं के 3.51 लाख पंजीकृत किसानों को पीएम-किसान सम्मान निधि से 6वीं किश्त के रूप में 21.6 करोड़ की सौगात मिलेगी। कृषि संयुक्त निदेशक पीके सिंह ने कहा कि पंजीकृत किसानों विभाग के पोर्टल पर संख्या अपडेट कर मुख्यालय को भेज दिया गया है। सरकार से पैसा आते ही किसानों के खातों में ट्रांसफर हो जाएगा।