धान का विकल्प बन रही है मक्के की खेती, पानी भी बच रहा, किसानों की अर्थिक सेहत भी सही
मक्के से किसानों की आर्थिक सेहत सुधर रही है। इसीलिए तो गर्मी के धान की फसल के विकल्प के तौर पर किसानों का मक्के की खेती की ओर रुझान बढ़ा है।
काशीपुर, जेएनएन : मक्के से किसानों की आर्थिक सेहत सुधर रही है। इसीलिए तो गर्मी के धान की फसल के विकल्प के तौर पर किसानों का मक्के की खेती की ओर रुझान बढ़ा है। इससे न केवल भूजल स्तर बना रहेगा और मृदा की सेहत भी ठीक रहेगी। हालांकि इस फसल को बढ़ावा देने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र लगा हुआ है।
तराई में गेहूं, गन्ने व धान की भारी स्तर पर खेती होती है। कृषि विवि होने व भूजल स्तर ऊपर होने से यहां के किसान गर्मी में भी धान की खेती करते हैं। खरीफ फसल की अपेक्षा गर्मी में धान का उत्पादन ज्यादा होता है। इसकी वजह फसल में बीमारी नहीं के बराबर लगती है।
गर्मी में धान की फसल लेने से न केवल भूजल स्तर नीचे खिसकता जा रहा है, बल्कि मृदा की उर्वरा शक्ति भी कमजोर हो रही है। इसे लेकर कृषि वैज्ञानिक चिंतित हैं। इसके विकल्प के तौर पर पंत विवि, केवीके काशीपुर व कृषि विभाग गर्मी में धान की फसल के विकल्प के तौर पर मक्के की खेती को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है। इसके लिए किसानों को कृषि महोत्सव, बैठक व रैली के जरिये जागरुक किया जा रहा है। ऊधमसिंह नगर में फूड प्रॉसेसिंग से जुड़ी कई कंपनियां हैं, जिसमें मक्के की मांग ज्यादा है। ऐसे में मक्के की खेती में फायदे ही फायदे हैं।
तीन सौ एकड़ में की गइ है मक्के की खेती
पिछले साल केवीके के प्रयास जिले में कुछ किसानों ने करीब 30 एकड़ में मक्के की खेती की थी, जो इस बार करीब तीन सौ एकड़ में खेती की गई है। धान की फसल से ज्यादा मुनाफा होने सेे किसान हाइब्रीड बीज डेंट कार्न की बुवाई की है। इसकी उपज 35 से 40 क्विंटल प्रति एकड़ है। खास बात यह है कि कम लागत में यह फसल तैयार हो जाती है। बाजार में 2100 से 2200 रुपये प्रति क्विंटल मक्का बिक जाता है। मक्के की खेती के प्रति किसानों की रुचि बढऩे से कृषि वैज्ञानिक भी राहत महसूस कर रहे हैं।
धान से अधिक मुनाफा मक्के की खेती में
डाॅ.सी तिवारी, प्रभारी, कृषि विज्ञान केंद्र काशीपुर ने बताया कि धान से अधिक मुनाफा मक्के की खेती में है। इसलिए किसानों का रुझान तेजी से मक्के की खेती को ओर बढ़ा है। इस फसल की खासियत है कि मृदा की गुणवत्ता बनी रहेगी और भूजल स्तर भी बना रहेगा।
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