कानपुर पुलिस के हत्थे चढ़ा फर्जी कर्नल, युवाओं से ठगे थे लाखों
सेना में भर्ती कराने के नाम पर कई लोगों से लाखों ठगने के आरोपित फर्जी कर्नल को कानपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
नैनीताल, जेएनएन : सेना में भर्ती कराने के नाम पर कई लोगों से लाखों ठगने के आरोपित फर्जी कर्नल औरैया के कुलासर वरूर निवासी सूर्यप्रताप को कानपुर पुलिस ने रेल बाजार थानाक्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है। अब नैनीताल पुलिस उसे रिमांड पर लेने की तैयारी में जुटी है। मूल रूप से अल्मोड़ा निवासी कमल किशोर ने शुक्रवार शाम को मल्लीताल कोतवाली पुलिस को तहरीर दी थी, जिसके बाद फर्जी कर्नल के खिलाफ धारा-420 के तहत केस दर्ज किया गया था। शनिवार को वादी होटल सुमन रिजेंसी के प्रबंधक कमल ने कोतवाल ध्यान सिंह की मौजूदगी में एसआइ रेवती पंत के समक्ष बयान दर्ज कराए। कमल के अनुसार, फर्जी कर्नल ने भर्ती कराने के लिए पहले छह लाख की डिमांड की थी। बाद में उसने कहा कि पहचान के हो, इसलिए तीन लाख ही देना। कमल के अनुसार जब बातचीत में सौदा पक्का हो गया तो नौ मई को डाक से कॉल लेटर भी आ गया, जिसे अल्मोड़ा से पोस्ट किया गया था। इस पर उसे शक हो गया। कर्नल कुछ दिन पहले होटल कर्मी महेश असवाल के साथ बागेश्वर चला गया। वहां उसकी मुलाकात शिक्षक कल्याण सिंह मनकोटी से हुई। मनकोटी भी फर्जी कर्नल के बहकावे में आ गया और कई लोगों को भर्ती कराने के बारे में सोचा। इसे लेकर बंद कमरे में फर्जी कर्नल की उनकी एक घंटे तक बात हुई। हालांकि बाद में शिक्षक को आभास हो गया कि कर्नल फर्जी है। इस पर उन्होंने आरोपित से पैसे वापस मांगे।
शुक्रवार को फर्जी कर्नल और शिक्षक सूखाताल गए तो कर्नल बैंक से पैसा निकालने के बाद फरार हो गया। बेटे के कॅरियर के लिए बेचा पत्नी का सुहाग फर्जी कर्नल के झांसे में एक नौका चालक भी आ गया। शनिवार को कोतवाली पहुंचे मूल रूप से देवीधूरा चम्पावत व हाल निवासी स्टाफ हाउस पीड़ित चनीराम ने कोतवाल ध्यान सिंह को आपबीती बताई। बोला कि वह किराये पर दूसरे की नाव चलाकर परिवार का गुजर-बसर करता है। आठ दिन पहले शिक्षक मनकोटी ने नौकायन के दौरान कर्नल के बारे में बताया। शिक्षक के कहने और डीएसबी में अध्ययनरत बेटे की नौकरी की आस में उसने कर्नल को एक लाख रुपये देने को हामी भर दी। इसके लिए चनीराम के अनुसार उसने 50 हजार रुपये कर्ज लिए, जबकि 50 हजार में पत्नी के गहने बेच दिए। फफकते हुए उसने कहा कि मैंने बेटे की नौकरी के लालच में पत्नी को खुद के जिंदा रहते विधवा बना दिया। ठगे जाने से बाल-बाल बचा रिश्तेदार ठगी का एक और शिकार मनोज ने बताया कि उसने कर्नल को तीन लाख देने के लिए 76 हजार के जेवर बैंक में गिरवी रखे। 40 हजार अल्मोड़ा में बहन अंजना से उधार लिए, जबकि एक लाख रुपये भाई विनोद के साढू़ बंशीलाल से लिए। बंशी राजस्थान में जॉब करता है। 25 हजार बहन के ससुर से, 30 हजार ताऊ धनीराज से, 20 हजार ताऊ के बेटे बिशन से उधार लिए।
मनोज के अनुसार बंशी भी अपने भाई को भर्ती कराने के लालच में नैनीताल आया था और कॉल लेटर आने के बाद एक लाख रुपये देने का सौदा किया था, मगर अब वह इससे बच गया। सुनील मीणा, एसएसपी ने बताया कि फरार फर्जी कर्नल को उत्तर प्रदेश पुलिस ने कानपुर के रेल बाजार थानाक्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है। उसके खिलाफ वहां भी संबंधित थाने में युवकों को फौज में भर्ती कराने के एवज में ठगी का केस दर्ज है। इस केस में वह छह साल से वांछित है। उसे अब वारंट बी के तहत लाकर पूछताछ की जाएगी। पीडि़तों ने अन्य जिसका भी नाम लिया है, उन्हें भी 120 बी का आरोपित बनाया जाएगा।
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