कांग्रेसी 'कुनबा' फिर अपनों में उलझ गया, हरदा खेमा अब खुलकर कर रहा लाबिंग
कांग्रेस का कुनबा बिखरा तो पार्टी का साथ छोड़कर जाने वालों को नाम दिया गया बागी। अब इन बागियों के चक्कर में कांग्रेस के भीतर फिर घमासान मच गया है। पूर्व सीएम हरीश रावत के गुट के कांग्रेसी खुल के हरदा के पक्ष में लाबिंग कर रहे हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन : चार साल पहले कांग्रेस का कुनबा बिखरा तो पार्टी का साथ छोड़कर जाने वालों को नाम दिया गया बागी। अब इन बागियों के चक्कर में कांग्रेस के भीतर फिर घमासान मच गया है। पूर्व सीएम व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत के गुट के कांग्रेसी खुल कर हरदा के पक्ष में लाबिंग करने में जुटे हैं। पिछले दस दिन में हल्द्वानी में दो बैठक के बाद शनिवार को वर्तमान व पूर्व विधायकों की प्रेसवार्ता ने कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में हलचल पैदा कर दी। बहरहाल प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह व नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश की तरफ से अब तक इस पूरे प्रकरण में नपे-तुले बयान आए हैं। उनका इशारा हर तरफ हाइकमान की और है। मगर टीम हरीश रावत हरदा के नेेतृत्व में चुनाव लडऩे तक का ऐलानतक कर चुकी है।
प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई भाजपा में गुटबाजी को लेकर कोई जगह नहीं। मगर एकजुट होकर चुनाव की तैयारियों में जुटने की बजाय उत्तराखंड के कांग्रेसी दो धड़ों में बंट चुके हैं। हरीश रावत खेमा हावी होने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा। वहीं, पार्टी के अंदर चल रहे घमासान को लेकर कार्यकर्ताओं में भी असमंजस की स्थिति पैदा हो चुकी है। पिथौरागढ़ में आज से स्मृति यात्रा के तहत पूर्व सीएम का बड़ा कार्यक्रम है। जिसमें वह अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में हुए कामों को लेकर चर्चा करेंगे। वहीं, चर्चा का विषय यह भी है कि कांग्रेस के अंदर अंदरूनी बढ़त को लेकर हो रही लड़ाई का केंद्र बिंदु फिलहाल कुमाऊं को बनाया गया है। क्योंकि, पूर्व सीएम हरीश रावत के खेमे के माने जाने वाले बड़े चेहरों का क्षेत्र कुमाऊं में पड़ता है।
हाइकमान भी शांत : कांग्रेस की आंतरिक कलह को लेकर अब तक हाइकमान ने चुप्पी साध रखी है। जिससे संदेश ठीक नहीं जा रहा। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने एक माह पहले दून में बड़ा कार्यक्रम किया था। उसके बाद उनकी सक्रियता भी नहीं दिखी।