बजट खर्च न करने पर ऊधमसिंह नगर सीएमओ से मांगा स्पष्टीकरण, जवाब न देने पर होगी कार्रवाई
जुलाई में जारी किए गए दो करोड़ 17 लाख रुपयों में मात्र 47 लाख रुपये ही खर्च किए जाने पर सीडीओ आशीष भटगांई ने सीएमओ डा. देवेंद्र पंचपाल से स्पष्टीकरण मांगा है। बीते दिनों बैठक में स्पष्टीकरण न मिलने को लेकर जवाब सटीक न मिलने पर चेतावनी दी थी।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : बजट मिलने के बाद भी विभागाध्यक्ष इसे खर्च करने के लिए गंभीर नहीं हैं। ताजा उदाहरण सीएमओ कार्यालय है। जिला योजना में जुलाई में जारी किए गए दो करोड़ 17 लाख रुपयों में मात्र 47 लाख रुपये ही खर्च किए जाने पर सीडीओ आशीष भटगांई ने सीएमओ डा. देवेंद्र ङ्क्षसह पंचपाल से स्पष्टीकरण मांगा है। बीते दिनों बैठक में स्पष्टीकरण न मिलने को लेकर जब सीडीओ ने पूछा तो जवाब सटीक न मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी। यह बजट नवंबर तक हर हाल में खर्च किया जाना है और जिन निर्माण कार्यों को पूरा करके रिपोर्ट देनी है, वह अभी आधे-अधूरे हैं। कई में तो कार्य शुरू तक नहीं हो सके हैं।
जिला योजना बजट से जिले में सीएचसी, पीएचसी में रंगरोगन, अस्पतालों में कक्षों की मरम्मत सहित पेयजल व इलेक्ट्रिक सप्लाई व्यवस्था बेहतर करने के लिए बजट जारी किया गया था। सीएमओ कार्यालय को मिले इस बजट में कुल 39 कार्य पूरे किए जाने हैं। हाल यह है कि इनमें से अधिकांश में जहां कार्य आधा-अधूरा ही है। वहीं, कई कार्यों के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो सकी है। बीते एक सप्ताह पहले जिला योजना की समीक्षा बैठक में बजट के खर्च को लेकर रिपोर्ट सीएमओ डा. देवेंद्र ङ्क्षसह पंचपाल से सीडीओ आशीष भटगई ने मांगी थी। इसमें सीएमओ की तरफ से जब यह बताया गया कि उनकी तरफ से अभी तक मात्र 47 लाख रुपये का बजट खर्च किया गया है तो सीडीओ भड़क गए। तत्काल ही उन्होंने सीएमओ को स्पष्टीकरण देकर एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा। जवाब न देने पर सीडीओ ने एक बार फिर चेतावनी दी है।
सीडीओ का कहना था कि यह घोर लापरवाही है। उनकी तरफ से मौखिक जवाब बैठक में दिया गया है। इसको लेकर उन पर कार्रवाई की जाएगी। सीडीओ आशीष भटगांई का कहना है कि जिला योजना का बजट नवंबर तक सीएमओ कार्यालय को खर्च करना है। जो निर्माण व विकास कार्यक्रम प्रभावित हो रहे हैं, उनकी सूचना मांगी गई है। स्पष्टीकरण का लिखित जवाब मांगा गया है। ऐसा न करने पर सीएमओ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।