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Corbett national Park के टाइगर Rajaji National Park में बढ़ाएंगे बाघों का कुनबा, तीसरे बाघ को रेस्‍क्‍यू करने की तैयारी शुरू

कार्बेट टाइगर रिजर्व (Corbatt Tiger Reserve) से तीसरे बाघ को हरिद्वार स्थित राजाजी नेशनल पार्क (Rajaji National Park) भेजने की कवायद फिर शुरू होने वाली है। अभी तीन और बाघ (Tiger) सीटीआर (CTR) से ले जाए जाने हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 11:08 AM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 11:08 AM (IST)
Corbett national Park के टाइगर Rajaji National Park में बढ़ाएंगे बाघों का कुनबा, तीसरे बाघ को रेस्‍क्‍यू करने की तैयारी शुरू
Corbett Park के टाइगर Rajaji National Park में बढ़ाएंगे बाघों का कुनबा, तीसरे बाघ को रेस्‍क्‍यू करने की तैयारी शुरू

रामनगर, जागरण संवाददाता : कार्बेट टाइगर रिजर्व (Corbatt Tiger Reserve) से तीसरे बाघ को हरिद्वार स्थित राजाजी नेशनल पार्क (Rajaji National Park) भेजने की कवायद फिर शुरू होने वाली है। अभी तीन बाघ (Tiger) सीटीआर (CTR) से ले जाए जाने हैं। जिन्हें विभाग द्वारा बीते दिनों कार्बेट के अलग-अलग क्षेत्र में ड्रोन से चिन्हित कर लिया गया था। विभागीय सूत्र बताते हैं कि एक दो माह के भीतर तीन बाघ हरिद्वार भेज दिए जाएंगे।

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हरिद्वार के राजाजी टाइगर रिजर्व (Rajaji National Park)में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा पूर्व में योजना बनाई गई थी। जिसके तहत दो बाघिन व तीन बाघ कार्बेट (Corbatt Tiger Reserve) से राजाजी भेजे जाने थे। पिछले साल 23 दिसंबर को कार्बेट के बिजरानी जोन से एक बाघिन व इसी साल आठ जनवरी को ढेला जोन से दूसरा बाघ पकड़ा गया था। नौ माह बाद फिर से तीसरी बाघिन य बाघ को पकडऩे की कवायद शुरू होने वाली है।

कार्बेट के वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी दुष्यंत शर्मा ने अपनी टीम के साथ कार्बेट के अलग-अलग क्षेत्रों में राजाजी भेजे जाने वाले तीन बाघों को चिन्हित कर लिया है। अब इन बाघों को पकडऩे की कवायद विभाग जल्द शुरू करने वाला है। रेस्क्यू टीम द्वारा इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। पशु चिकित्साधिकारी शर्मा ने बताया कि एक बाघिन व दो बाघ अभी भेजे जाने हैं। बाघों को चिन्हित कर लिया गया है। चिन्हित बाघों को ही पकडऩे का पूरा प्रयास किया जाएगा। चिन्हित बाघों की लोकेशन देखने के लिए ड्रोन आदि का भी सहारा लिया जाएगा। लोकेशन मिलने पर बाघ या बाघिन को रेस्क्यू करने की कार्रवाई की जाएगी।

इसलिए भेजे जा रहे बाघ

राजाजी नेशनल पार्क के 550 वर्ग किलोमीटर के मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में पिछले सात साल से दो ही बाघिन हैं। पार्क के बीच से रेल लाइन गुजरने व हाईवे होने की वजह से दूसरे क्षेत्र से बाघ वहां तक नहीं आ पाते हैं। ऐसे में प्रजनन न होने से मोतीचूर में बाघों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है। 2016 में कार्बेट लैंडस्केप से बाघ शिफ्ट करने की योजना बनी थी। 2017 में इसे राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) से स्वीकृति मिली थी। इस प्रोजेक्ट के लिए एनटीसीए से इस साल 40 लाख रुपये की धनराशि राजाजी पार्क को मिली है। छह जुलाई को एनटीसीए के अधिकारियों ने आनलाइन राजाजी के अधिकारियों को बाघ शिफ्टिंग के संबंध में तैयारियों को लेकर चर्चा की थी।


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