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स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट टाटा इंस्टीट्यूट को देने की कवायद शुरू, जानिए अब तक क्‍या हुआ

पांच वर्षों से प्रस्तावित स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट अभी तक नहीं बन सका है लेकिन अब इस संस्थान को टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट के रूप में विकसित किए जाने की संभावना तलाशी जा रही है। इसके लिए राज्य सभा सदस्य व राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने पहल शुरू कर दी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 18 Feb 2021 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 18 Feb 2021 08:00 AM (IST)
स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट टाटा इंस्टीट्यूट को देने की कवायद शुरू, जानिए अब तक क्‍या हुआ
स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट को टाटा इंस्टीट्यूट को देने की कवायद शुरू, जानिए अब तक क्‍या हुआ

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : पिछले पांच वर्षों से प्रस्तावित स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट अभी तक नहीं बन सका है, लेकिन अब इस संस्थान को टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट के रूप में विकसित किए जाने की संभावना तलाशी जा रही है। इसके लिए राज्य सभा सदस्य व राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने पहल शुरू कर दी है।

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दरअसल राजकीय मेडिकल कालेज के अधीन स्वामी राम कैंसर संस्थान संचालित है। इस जगह पर पिछले पांच वर्ष से 103 करोड़ रुपये की लागत से स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट बनाने की तैयारी चल रही है। वन भूमि के हस्तांतरण न होने से महत्वाकांक्षी परियोजना लंबित पड़ी है। अब बताया जा रहा है कि वन भूमि के हस्तांतरण की सैद्धांतिक सहमति हो गई है, लेकिन अभी भी स्पष्ट नहीं है।

नवंबर, 2020 में राज्य सभा सदस्य अनिल बलूनी ने देश के मशहूर उद्योगपति टाटा समूह के प्रमुख रतन टाटा को उत्तराखंड में टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट बनाने को लेकर पत्र लिखा था। उन्होंने इसके लिए सहमति भी जताई थी। इसके बाद टाटा ग्रुप के अधिकारियों के साथ बलूनी की बैठक भी हो गई है। इस मामले में बलूनी ने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष में टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट बनाने की पहल शुरू हो जाएगी।

इसके साथ ही हल्द्वानी में यह संभावना भी देखी जा रही है कि स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट को ही टाटा कैंसर संस्थान को दे दिया जाए। इस पहलू पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर इस दिशा में काम होता है तो कुमाऊं ही नहीं बल्कि पूरे उत्तराखंड को इसका लाभ मिलेगा। कैंसर का विश्वस्तरीय इलाज हल्द्वानी में मिलने लगेगा। मरीजों को इलाज के लिए दूसरे शहरों में नहीं चक्कर काटने पड़ेंगे।

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