नंबरों में उलझे प्राइवेट स्कूल, पासिंग परसेंटेज निकालने को लेकर सबके अलग फार्मूले
आमतौर पर स्कूलों में बच्चों को फिजिक्स मैथ्स कैमिस्ट्री जैसे विषयों के कठिन सवालों को हल करने के लिए एक से बढ़कर एक फार्मूले बताए जाते हैं।
हल्द्वानी, भानु जोशी : आमतौर पर स्कूलों में बच्चों को फिजिक्स, मैथ्स, कैमिस्ट्री जैसे विषयों के कठिन सवालों को हल करने के लिए एक से बढ़कर एक फार्मूले बताए जाते हैं। लेकिन बुधवार को कुछ ऐसा हुआ कि स्कूल खुद ही नंबरों में उलझे रह गए। सवाल ये खड़ा हो गया कि आखिर कैसे पास हुए बच्चों की परसेंटेज निकाली जाए। सब ने अपना-अपना फार्मूला लगाना शुरू कर दिया। ऐसे में कई स्कूलों के छात्रों की पासिंग परसेंटेज इतनी अधिक हो गई कि गले उतरनी मुश्किल थी। हालांकि, पब्लिक स्कूल एसोसिएशन द्वारा सटीक फार्मूला बताए जाने के बाद असमंजस की स्थिति खत्म हुई।
कैसे पैदा हुई उलझन
सीबीएसई ने दसवीं का रिजल्ट जारी किया वो केवल कुल प्राप्तांकों पर आधारित रहा। यानि कि उसमें परसेंटेज नहीं थी। ऐसे में कई स्कूलों ने सभी छह विषयों के नंबरों को जोड़कर उसका प्रतिशत निकालने का फार्मूला लगा डाला तो कईयों ने वैकल्पिक विषय के तौर पर शामिल छठे विषयों को छोड़कर अन्य पांच का प्रतिशत निकाल लिया। कुछ ही स्कूल ऐसे थे जिन्होंने बेस्ट पांच विषयों के आधार पर प्रतिशत निकाला। बाद में पब्लिक स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश भगत ने देहरादून रीजन से फार्मूले की जानकारी लेकर सभी स्कूलों को संदेश जारी किया कि बेस्ट फाइव वाला फार्मूला लागू होगा।
फिर दगा दे गई सीबीएसई की वेबसाइट
बारहवीं की तरह दसवीं का रिजल्ट जारी होने के बाद सीबीएसई की वेबसाइट क्रैश हो गई। करीब एक घंटे तक ऐसा होता रहा। रिजल्ट जारी होने पर मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जो ट्वीट किया था उसपर लोगों ने खूब चुटकी ली। बाद में खामियां दूर कर वेबसाइट फिर शुरू की गई।