Move to Jagran APP

फॉरेस्ट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में नजर आएगा हर राज्य का वृक्ष, नाम रखा गया भारत वाटिका

एफटीआइ में जल्द लोगों को भारत के सभी राज्यों के राज्य वृक्ष नजर आएंगे। इसमें केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य वृक्ष भी शामिल होंगे। नाम दिया जाएगा भारत वाटिका।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2020 08:48 AM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2020 08:48 AM (IST)
फॉरेस्ट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में नजर आएगा हर राज्य का वृक्ष, नाम रखा गया भारत वाटिका
फॉरेस्ट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में नजर आएगा हर राज्य का वृक्ष, नाम रखा गया भारत वाटिका

हल्द्वानी, जेएनएन : फॉरेस्ट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एफटीआइ) में जल्द लोगों को भारत के सभी राज्यों के राज्य वृक्ष नजर आएंगे। इसमें केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य वृक्ष भी शामिल होंगे। नाम दिया जाएगा भारत वाटिका। इस वाटिका में देश भर के अलग-अलग वातावरण में होने वाली प्रजातियों को संरक्षित कर लोगों को हरियाली के साथ जोडऩे का प्रयास किया जाएगा। कश्मीरी चिनार, मणिपुरी टोना, कर्नाटक का चंदन और उत्तराखंड की पहचान बुरांश सब एक साथ दिखेंगे। देश में पहली बार ऐसी वाटिका का निर्माण किया जा रहा है।

loksabha election banner

दुर्लभ व औषधीय प्रजाति के संरक्षण पर ध्‍यान

वन अनुसंधान दुर्लभ व औषधीय प्रजाति के संरक्षण के बाद अब उन वनस्पतियों पर फोकस कर रहा है, जिनकी एक अलग पहचान है। वन संरक्षक अनुसंधान संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के  मकसद से हर राज्य का अपना राज्य वृक्ष है। दुर्लभता व महत्व को देखते हुए वृक्षों का चयन किया गया था। 29 राज्य व पांच केंद्र शासित प्रदेश के वृक्षों का चयन करने के बाद एफटीआइ के पीछे के क्षेत्र में भारत वाटिका तैयार की जाएगी। 19 प्रजातियां अब तक मिल चुकी हैं। जल्द विभिन्न राज्य वृक्षों के संकलन का काम पूरा हो जाएगा। उसके बाद हिमालयी, मैदानी और दक्षिण भारत में होने वाली हरियाली एक साथ नजर आएगी। प्रोजेक्ट शुरू करने का मकसद लोगों को पर्यावरण से जोडऩे के साथ इसकी जानकारी देना भी है।

बोर्ड पर नक्शा और पेड़

वन अनुसंधान केंद्र ने वाटिका के लिए दो बोर्ड तैयार किए हैं। एक में राज्य और उसके वृक्ष का लोकल व वैज्ञानिक नाम दर्ज है। दूसरे में भारत का नक्शा बना है, जिसमें स्टेट के नाम के साथ वृक्ष की फोटो भी नजर आएगी। संजीव चतुर्वेदी, वन सरंक्षक अनुसंधान ने बताया कि जल्द भारत वाटिका अस्तित्व में आ जाएगी। इसमें राज्य वृक्षों के अलावा केंद्र शासित प्रदेश की प्रजातियां भी दिखेंगी। जनता में पर्यावरण के प्रति जुड़ाव पैदा करने के लिए ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं।

वाटिका में यह आएंगे नजर

अंडमान का रेडवुड, अरुणाचल व आसाम का होलोंग, गोवा का कोकोनट, लक्षदीप का ब्रेडफ्रूट, हिमाचल का देवदार, मेघालय का व्हाइट टीक, मिजोरम का आयरनवुड, वेस्ट बंगाल का चितवन, त्रिपुरा का अगर, तेलंगाना का जम्मी, उत्तर प्रदेश का अशोक, उड़ीसा का गुलर फिग, सिक्किम का रोडोडेंड्रोन, नागालैंड का आल्डर आदि वृक्ष लगाए जाएंगे।

यह भी पढ़ें : पंचाचूली ग्लेशियर तक पहुंचने में इस बार ग्लेशियर ही बनेंगे पर्यटकों की राह में बाधा 

यह भी पढ़ें : फूल काश्तकारों की किस्मत बदलेगी लिलियम, ट्यूलिप, ग्लेडियोलस प्रजाति, हलद्वानी में प्रयोग सफल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.