कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में खूबसूरत परिंदों का संसार, गणना में 402 प्रजाति के पक्षियों की मौजूदगी मिली
बाघों के लिए खास पहचान रखने वाले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में रंग-बिरंगे परिंदों की भी अच्छी खासी मौजूदगी है। यहां हुई पक्षी गणना के दौरान 402 प्रजाति के पक्षी मिले हैं। ब्लेक थ्रोटेड एसेंटर पक्षी 28 साल बाद व यलो ब्लीड फेयरी फेंटेल पक्षी पहली बार देखा गया है।
रामनगर, संवाद सहयोगी : बाघों के लिए खास पहचान रखने वाले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में रंग-बिरंगे परिंदों की भी अच्छी खासी मौजूदगी है। यहां हुई पक्षी गणना के दौरान 402 प्रजाति के पक्षी मिले हैं। ब्लेक थ्रोटेड एसेंटर पक्षी 28 साल बाद व यलो ब्लीड फेयरी फेंटेल पक्षी पहली बार देखा गया है। हालांकि यह जानकारी पुख्ता करने के लिए कॉर्बेट प्रशासन द्वारा पक्षी विशेषज्ञों से राय ली जा रही है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में करीब चार सौ से लेकर छह सौ प्रजातियों के पक्षी होने का अनुमान लगाया जाता है। इस बार कॉर्बेट प्रशासन ने अपने क्षेत्र में पक्षियों की गणना कराई। यह गणना कॉर्बेट के 26 अलग-अलग जगहों पर 76 पक्षी विशेषज्ञों व वालिंटियर ने की। यहां 16 फरवरी से 18 फरवरी तक पक्षी गणना का कार्य किया गया।
सोमवार को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल ने पक्षियों की गणना के आंकड़े जारी किए। उन्होंने बताया कि कॉर्बेट में पक्षी गणना के दौरान 402 प्रजातियों की पुष्टि हुई। इनमें मुख्य रूप से हार्नबिल, कठफोड़वा, डव, किंगफिशर, बुलबुल, बी ईटर, स्र्टोक, सिल्वर इयर्ड मिसिया, हिमालयन ब्लू टेल, हिमालयन बबलर, ट्री क्रीपर, गे्रन पक्षी की प्रजाति शामिल हैं।
उन्होंने बतया पक्षियों की चेक लिस्ट तैयार कर यहां के रिकार्ड में दर्ज कर ली गई हैं। निदेशक ने बताया कि गणना के दौरान कॉर्बेट में दो प्रजाति के पक्षी पहली बार दिखे हैं। इसकी पुष्टि के लिए पक्षी विशेषज्ञों से भी राय ली जा रही है। उन्होंने कहा बरसात व सर्दियों में दूसरे व तीसरे चरण की पक्षी गणना कराई जाएगी। क्योंकि कई पक्षी सीजन के हिसाब से कार्बेट में पाए जाते हैं।
विशेषज्ञों की राय के बाद रिकार्ड में रखेंगे
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के वरिष्ठ वन्य जीव विज्ञानी शाह बिलाल ने बताया कि गणना के दौरान कॉर्बेट में ब्लेक थ्रोटेड एसेंटर पक्षी मिला। यह पक्षी कॉर्बेट में 1992 के बाद नहीं देखा गया था। इसके अलावा यलो ब्लीड फेयरी फेंटेल पक्षी पहली बार रिकार्ड हुआ है। पक्षी विशेषज्ञों से इस बारे में पुख्ता राय जुटाई जा रही है। पक्षी विशेषज्ञों की राय के बाद ही दो नई प्रजाति के पक्षी दिखने के तथ्य को रिकार्ड में दर्ज किया जाएगा।
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