हल्द्वानी में सिंचाई विभाग की नहरों पर लगातार हो रहा कब्जा, कार्रवाई के बजाए सिर्फ नोटिस दे रहे
हल्द्वानी से लेकर गांव तक सिंचाई विभाग की नहरों पर कब्जे होते जा रहे हैं। वहीं सिंचाई विभाग कच्चे निर्माणों को तो ढहा दे रहा है लेकिन सालों से महकमे की जमीन पर पक्का निर्माण बनाकर बैठे अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई के बजाय केवल नोटिस देकर औपचारिकता निभाई जा रही है।
हल्द्वानी, जेएनएन : हल्द्वानी से लेकर गांव तक सिंचाई विभाग की नहरों पर लगातार कब्जे होते जा रहे हैं। वहीं सिंचाई विभाग कच्चे निर्माणों को तो ढहा दे रहा है, लेकिन सालों से महकमे की जमीन पर पक्का निर्माण बनाकर बैठे अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई के बजाय केवल नोटिस देकर औपचारिकता निभाई जा रही है।
शहर की वर्कशाप लाइन में सिंचाई नहर से ऊपर लोगों ने दुकानें, होटल व कई प्रतिष्ठान बना रखे हैं। इसी तरह मुख्य बाजार से लेकर बरेली रोड तक नहर पाटकर कारोबारी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। कुछ समय पूर्व सिंचाई विभाग ने 54 अतिक्रमणकारियों को नोटिस देकर स्थायी निर्माण ध्वस्त करने के लिए कहा था।
इसमें 47 नोटिस बरेली रोड, गौलापार के लोगों को दिए गए, जबकि सात नैनीताल रोड पर नहर घेर प्रतिष्ठान चलाने वालों को दिए गए। इससे पहले भी कई बार विभाग नहर पाटकर कारोबार संचालित करने वालों को नोटिस दे चुका है। लेकिन अब तक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की गयी है।
ऊंचापुल में हटाए थे नहर से 46 कब्जे
सिंचाई विभाग की अनदेखी की वजह से ऊंचापुल क्षेत्र में 46 लोगों ने नहर पाटकर अस्थायी कब्जा जमा लिया था। इसमें अधिकांश ने फल-सब्जी की दुकानें खोल रखी थीं। कुछ कारोबारियों ने अपने प्रतिष्ठानों की पार्किंग नहर पाटकर बना ली थी। दो माह पहले सिंचाई विभाग ने सख्ती दिखाते हुए पहले नोटिस दिए और फिर पुलिस की मदद लेकर अतिक्रमण ध्वस्त कर दिया।
नहरों पर कब्जा करने वाले हो रहे चिन्हित
हल्द्वानी डिवीजन के सिंचाई विभाग के ईई तरुण बंसल ने बताया कि नहरों को पाटकर कब्जा करने वाले लगातार चिह्नित किए जा रहे हैं। इनको नोटिस देकर खुद कब्जा हटाने के लिए कहा जा रहा है। मुख्य शहर से कब्जा हटाने के लिए भारी सुरक्षा बल की जरूरत है। सुरक्षाकर्मी मिलने पर स्थायी अतिक्रमण ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।