कर्मचारी जाने अपने अधिकार, पीएफ में 60 साल तक जमा कराएं अंशदान, जानिए
निजी कंपनियों कारखानों व सरकारी उपक्रमों में कार्यरत कर्मचारियों को प्रचार-प्रसार के अभाव में 60 साल की उम्र तक पीएफ में अंशदान देने की सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
हल्द्वानी, जेएनएन : निजी कंपनियों, कारखानों व सरकारी उपक्रमों में कार्यरत कर्मचारियों को प्रचार-प्रसार के अभाव में 60 साल की उम्र तक पीएफ में अंशदान देने की सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जबकि कुमाऊं में सैकड़ों कंपनियों में कार्यरत हजारों कर्मचारी इसके दायरे में आते हैं।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 25 अप्रैल 2016 को गजट नोटिफिकेशन जारी कर इम्पलाइज पेंशन स्कीम 1995 के दायरे में आने वाली कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों को 58 की बजाय 60 साल तक पीएफ में अंशदान देने का विकल्प दिया था। इसके लिए कर्मचारी को 58 वर्ष की आयु पूरी होने के एक माह पहले सादे कागज पर आवेदन देकर उसे अपने नियोक्ता से अप्रूव कराना होता है। जिसके बाद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) कार्यालय में आवेदन देना होता है। पीएफ विशेषज्ञ कहते हैं कि ईपीएफओ के ज्यादातर दफ्तरों ने इस पर अमल नहीं किया। इस वजह से कर्मचारियों को इसकी जानकारी ही नहीं मिली। ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त आशीष कुमार का कहना है कि नोटिफिकेशन में यह प्रावधान विकल्प के तौर पर किया गया था। जो कर्मचारी चाहे, हमारे यहां आवेदन दे सकता है।
ऐसे समझें किसे कितना होगा लाभ
- मान लीजिए सार्वजनिक उपक्रम के किसी कर्मचारी का मूल वेतन 75,400 रुपये है। इस हिसाब से इन्हें महंगाई भत्ता 6786 रुपये मिलेगा। इस पूरी राशि का 12 प्रतिशत 9862 रुपये कर्मचारी के वेतन से काटकर पीएफ में जमा होगा। इतनी ही राशि (9862 रुपये) बतौर अंशदान नियोक्ता मिलाएंगे। नियोक्ता के अंशदान से 1250 रुपये पेंशन फंड में जमा होंगे। शेष 8612 रुपये कर्मचारी के पीएफ खाते में जमा होंगे। इस तरह दो साल में 2 लाख 6 हजार 688 रुपये का फायदा होगा। रिटायर होने पर कर्मचारी को अतिरिक्त दो साल की यह राशि मिलेगी।
- किसी निजी कंपनी के कर्मचारी का मूल वेतन व डीए यदि 20,000 रुपये है। इनके 2400 रुपये पीएफ में होंगे। इतनी ही राशि नियोक्ता द्वारा मिलाई जाएगी। नियोक्ता के अंशदान 2400 रुपये में 1150 रुपये कर्मचारी के पीएफ अकाउंट में जमा होंगे। दो साल में 27,600 का फायदा होगा।
- किसी कर्मचारी का मूल वेतन व डीए 7000 रुपये है। इनके 840 रुपये बतौर अंशदान जमा होगा। 840 रुपये नियोक्ता के अंशदान से घटाकर 257 रुपये कर्मचारी के पीएफ में जाएंगे। दो साल में कर्मचारी को 6168 रुपये का लाभ होगा।
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