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हाथियों ने रामपुर रोड से गौलापार तक रौंदी फसल

ग्रामीण इलाकों में हाथियों का आतंक फिर शुरू हो चुका है। रामपुर रोड से सटे गांवों के अलावा गौलापार में भी हाथियों ने खड़ी फसल रौंद काश्तकारों की मेहनत पर पानी फेर दिया। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम से ग्रामीणों ने मुआवजे व सुरक्षा की मांग की।

By Edited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 07:49 AM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 07:49 AM (IST)
हाथियों ने रामपुर रोड से गौलापार तक रौंदी फसल
ग्रामीण इलाकों में हाथियों का आतंक फिर शुरू हो चुका है।

हल्द्वानी, जेएनएन: जंगल से सटे ग्रामीण इलाकों में हाथियों का आतंक फिर शुरू हो चुका है। रामपुर रोड से सटे गांवों के अलावा गौलापार में भी हाथियों ने खड़ी फसल रौंद काश्तकारों की मेहनत पर पानी फेर दिया। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम से ग्रामीणों ने मुआवजे व सुरक्षा की मांग की। गन्ना सेंटर के पास पहले हाथियों ने लालमड़ी निवाड़ में फसल को नुकसान पहुंचाया था।

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वहीं, गुरुवार रात सुंदरपुर रैक्वाल पंचायत के कालूपुर पोखरिया गांव में देवेंद्र कार्की के खेत में लगी धान की फसल को भी रौंद डाला। इसके अलावा रामपुर रोड पर समाज कल्याण निदेशालय के पास रहने वाले काश्तकार दर्शन सिंह के खेत में भी काफी आतंक मचाया। शुक्रवार को पार्षद राजेंद्र नेगी की सूचना पर रेंजर यूसी आर्य भी मौके पर पहुंचे। पार्षद ने बताया कि इससे पहले एक माह तक गुलदार कीे दहशत थी। अब हाथियों का डर सता रहा है। महकमे को हाथी दीवार का निर्माण करना चाहिए। ग्रामीणों ने बताया कि आएदिन हाथी आबादी की ओर रुख कर रहे हैं। दिन के वक्त तो किसी तरह हाथियों को भगाने की कवायद की जा सकती है मगर रात के समय ऐसा संभव नहीं हो पाता। हाथी घर के पास तक पहुंच जाते हैं। ऐसे में घर में दुबके रहने के अलावा कोई चारा नहीं रह जाता। बार-बार की गुहार के बावजूद वन विभाग हाथियों के उत्पात से निजात दिलाने को कारगर कदम नहीं उठा रहा। ऐसे में किसानों की फसल बर्बाद हो रही है। यही नहीं, हाथियों को रोकने की कोशिश करने पर अक्सर आक्रामक होकर हमला करने लगते हैं।


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