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नैनीताल से सटे पहाड़ के गावों तक चढ़े हाथी, घरों के खिड़की और दरवाजे तोड़े

मैदानी इलाकों में ही विचरण करने वाले हाथी ने पर्वतीय गावों का रुख कर लिया है। रविवार को हाथियों का झुंड नैनीताल से सटे गाव देवीधुरा में पहुंच गया। जहां कई घरों को हाथियों ने नुकसान भी पहुंचाया ।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 11:52 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 11:52 AM (IST)
नैनीताल से सटे पहाड़ के गावों तक चढ़े हाथी, घरों के खिड़की और दरवाजे तोड़े
देवीधुरा क्षेत्र में शनिवार रात हाथियों का झुंड आबादी क्षेत्र तक पहुंच गया।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : नैनीताल से सटे देवीधुरा क्षेत्र में शनिवार रात हाथियों का झुंड आबादी क्षेत्र तक पहुंच गया। आबादी क्षेत्र तक पहुंचे हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया। ग्रामीणों की फसल रौंदने के साथ ही कुछ भवनों के खिड़की दरवाजे भी तोड़ दिए। इस दौरान कई ग्रामीणों ने भागकर अपनी जान बचाई। सूचना के बाद पहुंचे वन कर्मियों ने ग्रामीणों की मदद से हाथियों के झुंड को जंगल की ओर खदेड़ा। इस घटना से ग्रामीण दहशत में है। ग्रामीणों ने वन विभाग से नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे की मांग की है।

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जानकारी के मुताबिक शनिवार देर रात हाथियों का झुंड देवीधुरा गांव में आबादी क्षेत्र तक पहुंच गया। जहां करीब एक दर्जन हाथियों ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया। हाथियों ने फसल को नुकसान पहुंचाने के साथ ही ग्रामीण नंदी देवी, जानकी देवी और देव सिंह के भवन के दरवाजे व खिड़कियां तोड़ डाली और एक बाइक भी क्षतिग्रस्त कर दी। ग्रामीणों ने पटाखे फोड़कर किसी तरह हाथियों को गांव से बाहर भगाया।

रविवार सुबह हाथियों का झुंड फिर गांव के भीतर घुस आया। जिससे ग्रामीणों में अफरातफरी मच गई। दोपहर बाद पहुंचे वन कर्मचारियों ने ग्रामीणों की मदद से हाथियों के झुंड को जंगल की ओर भगाया। हाथियों के उत्पात मचाने से ग्रामीण दहशत में है। ग्रामीणों ने सुरक्षा और मुआवजे की मांग की है। डीएफओ बीजूलाल टीआर ने बताया कि फिलहाल हाथियों को जंगल की ओर भगा दिया गया है। फिर भी वन विभाग के कर्मचारी गांव में तैनात रहेंगे। नुकसान का आकलन किया जा रहा है। प्रभावितों को नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।

चार साल पहले भी पहुंचा था क्षेत्र में हाथी

देवीधुरा गांव रामनगर रेंज के जंगल से जुड़ा होने के कारण अक्सर हाथी और अन्य जीव पहाड़ी तक पहुंच जाते है। ग्रामीणों ने बताया कि चार वर्ष पूर्व भी एक हाथी आबादी क्षेत्र तक पहुंच गया था। तब किसी तरह ग्रामीणों ने उसे भगाया। मगर इतनी अधिक संख्या में हाथियों का झुंड पहली बार गांव तक पहुंचा है। जिससे ग्रामीणों में भय बना हुआ है।


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