जंगल में पशुओं के लिए चारा लेने गए ग्रामीण को हाथी ने पटक-पटक कर मार डाला
जंगल में मवेशियों के लिए दो महिलाओं के साथ घास लेने गए ग्रामीण के सामने अचानक हाथी आ गया। महिलाएं पीछे चल रहीं थीं। इस दौरान हाथी ने ग्रामीण को सूंड में लपेट लिया। यह देखकर पीछे चल रहीं महिलाएं डरकर वहां से भागकर गांव आ गईं।
संवाद सहयोगी, खटीमा : जंगल में मवेशियों के लिए दो महिलाओं के साथ घास लेने गए ग्रामीण के सामने अचानक हाथी आ गया। महिलाएं पीछे चल रहीं थीं। इस दौरान हाथी ने ग्रामीण को सूंड में लपेट लिया। यह देखकर पीछे चल रहीं महिलाएं डरकर वहां से भागकर गांव आ गईं। उन्होंने घटना की जानकारी ग्रामीणों को दी। ग्रामीण समूह में जब घटना स्थल की ओर गए तब तक हाथी वहां से चला गया था। मौके पर ग्रामीण का शव पड़ा था। ग्रामीण की मौत के बाद से स्वजनों में कोहराम मचा हुआ है। वहीं पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव को स्वजनों के सुपुर्द कर दिया।
ऊधमसिंहनगर जिले के खटीमा आलावृद्घि चटियाफार्म निवासी 55 वर्षीय उमेद सिंह बोरा पुत्र स्व.तेज सिंह रविवार की सुबह गांव की दो महिलाओं के साथ किलपुरा रेंज के जंगल से जानवरों के लिए घास लेने गए हुए थे। बताते हैं कि जंगल में वह आगे चल रहे थे। इसी दौरान पश्चिमी किलपुरा प्लाट संख्या 14 में अचानक एक हाथी उनके सामने आ गया। हाथी ने उमेद सिंह को अपनी सूंड में लपेट कर पटक दिया। यह देख दोनों महिलाएं वहां से भाग निकलीं। उन्होंने गांव पहुंचकर अन्य ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी।
जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उमेद बोरा मृत अवस्था में पड़े हुए हैं। जबकि हाथी वहां से जा चुका था। सूचना पर वन कर्मी भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने पूरे घटनाक्रम की जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को दी। पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टामार्टम कराया। किलपुरा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी जीवन चंद्र उप्रेती ने बताया कि जल्द ही मृतक के स्वजनों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। मृतक बोरा पांच भाईयों में सबसे छोटे थे। वह अपने पीछे पत्नी लीला देवी, पुत्र चंद्र सिंह, महेंद्र सिंह को रोता-बिलखता छोड़ गए है। उनके दोनों पुत्र दुबई में प्राईवेट नौकरी करते है।
हाथी के हमले में अब तक छह लोगों की हो चुकी है मौत
तराई पूर्वी वन प्रभाग की उपडिवीजन खटीमा में किलपुरा, सुरई व खटीमा रेंज के तीन घने जंगल हैं। जो वन संपदा से आच्छादित होने के साथ ही वन्य जीवों से गुलजार हैं। किलपुरा व खटीमा रेंज के जंगलों में तो बड़ी संख्या में हाथी विचरण करते हैं। पिछले छह वर्षों में हाथी के हमले में अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है।
हाथी के हमले में इनकी हुई मौत
- 16 अक्टूबर 2015-चकरपुर वनराजि बस्ती के कृष्णा नंद भट्ट
- 15 मई 2016- पंथागोट की मुन्नी देवी
- 8 अप्रैल 2017- आलावृद्घि के राजेंद्र सिंह
- 8 अप्रैल 2019-चकरपुर निवासी चंचल सिंह मौनी
- 16 जनवरी 2021- दोगाड़ी श्रीपुर बिछुवा के उमेद सिंह
- 2 जनवरी 2022-आलावृद्घि के उमेद सिंह बोरा
पीड़ित के घर पहुंचीं सीएम की पत्नी
मुख्यमंत्री की पत्नी गीता पुष्कर सिंह धामी वन विभाग के अधिकारियों के साथ हाथी के हमले में मारे गए आलावृद्घि चटिया फार्म निवासी उमेद सिंह बोरा के घर पहुंची। जहां उन्होंने उनके परिजनों को ढ़ांढ़स बंधाया। साथ ही इस संकट की घड़ी में उनके साथ खड़े होने की बात कही। उन्होंने कहा कि पीडि़त परिवार को सरकार की ओर से जो भी मदद होगी वह दिलायी जाएगी। यह घटना बेहद दुखद है। इस मौके पर एसडीओ शिवराज चंद, रेंजर जीवन चंद्र उप्रेती, वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश मनराल आदि मौजूद थे।