टांग पर गहरा जख्म होने से चलने में असमर्थ हुआ हाथी का बच्चा, भूख से हो गई मौत
भाखड़ा रेंज के जंगल में हाथी के बच्चे का शव मिलने से हड़कंप मच गया। वन विभाग के मुताबिक उसकी टांग पर गहरा जख्म होने की वजह से वह चलने फिरने में असमर्थ हो गया था। जिस वजह से वह भोजन के लिए संघर्ष नहीं कर सका।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : भाखड़ा रेंज के जंगल में हाथी के बच्चे का शव मिलने से हड़कंप मच गया। वन विभाग के मुताबिक उसकी टांग पर गहरा जख्म होने की वजह से वह चलने फिरने में असमर्थ हो गया था। जिस वजह से वह भोजन के लिए संघर्ष नहीं कर सका। शरीर को देख अंदाजा लगाया गया है कि कई दिनों से उसे भोजन तक नहीं मिला। सूचना पर चिकित्सकों के पैनल ने उसका पोस्टमार्टम किया। परीक्षण के लिए सैंपल बरेली भेजे गए हैं।
भाखड़ा रेंज के मोतिया लाइन बीट में मंगलवार दोपहर गश्त के दौरान वनकर्मियों ने हाथी के बच्चे का शव देखा तो अफसरों को सूचना दी। उसकी उम्र डेढ़ साल बताई गई है। रेंजर सावित्री गिरी, एसडीओ धु्रव सिंह मर्तोलिया व डीएफओ डा. अभिलाषा सिंह के अलावा डब्लूडब्लूएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई। जिसके बाद हाथी के बच्चे का पोस्टमार्टम कराने के साथ कोरोना जांच के लिए सैंपल भी लिया गया। वहीं, एसडीओ मर्तोलिया ने बताया कि टांग पर गंभीर चोट होने के कारण वह चल नहीं पा रहा था। संभावना है कि भूख और प्यास की वजह से उसकी मौत हुई होगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद स्थिति साफ होगी।
फिर अपने भी साथ छोड़ गए
हाथियों का कुनबा मातृ प्रधान होने के साथ साथियों को लेकर काफी फिक्रमंद भी होता है। अक्सर झुंड में चलने वाले हाथी बच्चों को लेकर ज्यादा चिंतित रहते हैं। संभावना यह भी है कि चोट लगने की वजह से चलने-फिरने में असमर्थ छोटे बच्चे की कुछ दिन निगरानी की गई होगी, मगर फिर मजबूरी में साथ छोडऩा पड़ा। अगर घायल स्थिति में ही वनकर्मियों की नजर उस पर पड़ जाती तो उसकी जान बच सकती थी।
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