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हल्द्वानी शहर से गांव तक बिजली को लेकर हाहाकार, नौ घंटे की कटौती से उपभोक्‍ता परेशान

साढ़े नौ घंटे की बिजली कटौती ने मंगलवार को शहर से लेकर गांव तक लोगों को परेशान किया। ढाई घंटा अतिरिक्त बिजली कटौती से ऊर्जा निगम के अफसरों की मनमानी देखने को मिली। सुबह 10 बजे की गई कटौती देर शाम 723 बजे बहाल हो सकी।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 09:10 AM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 09:10 AM (IST)
हल्द्वानी शहर से गांव तक बिजली को लेकर हाहाकार, नौ घंटे की कटौती से उपभोक्‍ता परेशान
हल्द्वानी शहर से गांव तक बिजली को लेकर हाहाकार, नौ घंटे की कटौती से उपभोक्‍ता परेशान

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : साढ़े नौ घंटे की बिजली कटौती ने मंगलवार को शहर से लेकर गांव तक लोगों को परेशान किया। ढाई घंटा अतिरिक्त बिजली कटौती से ऊर्जा निगम के अफसरों की मनमानी देखने को मिली। सुबह 10 बजे की गई कटौती देर शाम 7:23 बजे बहाल हो सकी। बिजली गुल होने से करीब 90 हजार उपभोक्ता परेशान रहे।

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ऊर्जा निगम दीवाली पर बिजली कटौती न होने का दावा कर रहा है। यह दावा कितना सच होगा, इसका पता तो बाद में चलेगा, लेकिन इस समय कटौती ने उपभोक्ताओं की नाक में दम कर रखा है। मंगलवार को विद्युत वितरण खंड ग्रामीण क्षेत्र के कमलुवागांजा, कठघरिया, ट्रांसपोर्ट नगर, फूलचौड़ व फुटकुआं सब स्टेशन से पूर्व घोषित बिजली कटौती की गई। वहीं, शहरी क्षेत्र के हल्द्वानी व काठगोदाम सब स्टेशन से कटौती हुई।

सुबह 10 बजे हुई बिजली कटौती को शाम पांच बजे चालू करना था, मगर पांच बजे किसी भी इलाके में बिजली नहीं आई। शाम साढ़े सात बजे हल्द्वानी में आपूर्ति बहाल हो सकी। लगातार साढ़े नौ घंटे हुई कटौती से लोगों में ऊर्जा निगम के खिलाफ आक्रोश है। इधर, ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता दीनदयाल पांगती व डीएस बिष्ट ने बताया कि कटौती सात घंटे की थी। इसकी सूचना पूर्व में जारी की थी। पिटकुल की ओर से लाइनों के सुधारीकरण व नया ट्रांसफार्मर लगाने के कारण बिजली आपूर्ति देरी से बहाल हुई।

मोबाइल चार्ज को लेकर भटकते रहे लोग

सुबह 10 बजे से देर शाम तक बिजली नहीं आने से लोगों के मोबाइलों की बैटरियां डाउन हो गई। घरों में लगे इनवर्टर भी जवाब दे गए। मोबाइल बंद होने से लोगों को परेशान होना पड़ा। फोन कर बिजली आने जानकारी लेने से भी वह वंचित रह गए। वहीं घरों में इनवर्टर बंद होने से देर शाम तक अंधेरा पसरा रहा।

पानी की भी दिक्कत

बिजली नहीं होने से लोगों के घरों में पानी की मोटरें शोपीस बनकर रह गई हैं। पानी भरने के लिए लोग सार्वजनिक हैंडपंप व दूसरों के घरों में गए। वहीं वाशिंग मशीन में धोने को डाले गए कपड़े मशीनों में ही फंसे रहे। महिलाएं बिजली नहीं होने पर अफसरों की नाकामी को कोसती रहीं।

रामलीला मंचन पर भी पड़ा असर

बिजली की कटौती का असर रामलीला मंचन पर भी पड़ा। बिजली नहीं होने से कई जगह की रामलीला देरी से शुरू हुई। अधिकांश जगहों पर जनरेटर चलाकर रामलीला का शुभारंभ किया गया। मंचन से पहले साज-सज्जा करने में कलाकारों को परेशान होना पड़ा।

वेल्डिंग से लेकर आटोमोबाइल कारोबार प्रभावित

हल्द्वानी में लंबे समय बाद ऐसा हुआ कि बिजली ने आम से लेकर खास तक लोगों को प्रभावित किया। वेल्डिंग का काम करने वालों से लेकर ऑटोमोबाइल कारोबार प्रभावित हो गया। बिजली नहीं होने से कारोबारियों में ऊर्जा निगम के खिलाफ आक्रोश देखने को मिला। मंगलवार को कारोबारियों को बिजली नहीं होने से लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ा।

आज भी पांच घंटे गुल रहेगी बिजली

ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता डीएस बिष्ट ने बताया कि बुधवार को सब स्टेशन बनभूलपुरा व टीपीनगर क्षेत्र में मरम्मत का काम होगा। जिसके चलते उक्त क्षेत्रों में बिजली नहीं आएगी। उन्होंने लोगों से सहयोग की अपील की है।

त्योहार के सीजन में बिजली की कटौती करना उचित नहीं है। ऊर्जा निगम बिजली कटौती में मनमानी कर रहा है। जिससे कारोबार प्रभावित हो रहा है। मंगलवार को बिजली नहीं होने पर मैकनिक वर्ग हाथ पर हाथ रखकर बैठा रहा।

हरजीत सिंह चड्ढा, प्रवक्ता, देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल।

बिजली नहीं होने से ट्रांसपोर्ट कारोबार प्रभावित रहा। वेल्डिंग, पंप टेस्टिंग बेंज, टायर रिट्रेडिंग व आटोमोबाइल वाहन पेंटर का नहीं कर सके। जिससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ। बिजली कटौती नहीं रुकी तो आंदोलन किया जाएगा।

राजकुमार सिंह नेगी, ट्रांसपोर्ट यूनियन अध्यक्ष।

बिजली कटौती से सभी छोटे-बड़े कारोबारी परेशान रहे। ऊर्जा निगम को ऐसे समय पर मरम्मत का काम करना चाहिए। जिस समय त्योहारी सीजन न हो। कारोबारियों का ध्यान रखा जाना चाहिए।

पंडित दयाकिशन शर्मा, ट्रांसपोर्ट कारोबारी।

बिजली कटौती के नाम पर मनमानी करना ऊर्जा निगम की आदत में शुमार हो चुका है। बिजली कटौती से हर बार कारोबार प्रभावित होता है। ऊर्जा निगम की मनमानी नहीं रूकी तो आंदोलन करेंगे।

नरेंद्र भौंर्याल, ट्रांसपोर्ट कारोबारी।

बिजली की कटौती से मंगलवार को भारी नुकसान हुआ। ट्रांसपोर्ट से जुड़े कई काम प्रभावित रहे। बिजली से होने वाला एक भी काम नहीं हो सका।

ललित रौतेला, ट्रांसपोर्ट कारोबारी।

बिजली कटौती का कोई समय नहीं है। अधिकांश बार बगैर पूर्व सूचना के बिजली काटी जाती है। जिससे घरों में पानी तक के लाले पड़ जाते हैं। मंगलवार को बिजली के चलते काफी परेशान होना पड़ा।

स्वाती, कुसुमखेड़ा।

ऊर्जा निगम सात घंटे की कटौती करता है लेकिन बिजली नौ घंटे बाद आती है। ऊर्जा निगम कर्मचारियों की मनमानी पर रोक लगनी चाहिए। मंगलवार को बिजली न होने से कई जरूरी काम नहीं हो सके।

मधु अग्रवाल, कुसुमखेड़ा।

बिजली की समस्या एक दिन की नहीं बल्कि रोज की हो गई है। मंगलवार को सुबह 10 बजे बिजली चली गई थी जो देर शाम साढ़े सात बजे आई। मोबाइल बंद होने के साथ इनवर्टर जवाब दे गए थे।

बबीता बिष्ट, दमुवाढूंगा।

बिजली नहीं होने से घरों में शाम को पानी नहीं आ सका। पानी की मोटरें शोपिस बन गई। वाशिंग मशीन में धोने के लिए डाले गए कपड़े ऐसे ही पड़े रह गए। बिजली की कटौती त्योहार के समय नहीं होनी चाहिए।

ङ्क्षरकी बिष्ट, आदर्शनगर मुखानी।


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