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पिथौरागढ़ में 3150 फीट पर फंसे आठ श्रद्धालु, बर्फ में 14 किमी चलकर टीम ने किया रेस्क्यू

बलुवाकोट क्षेत्र की बसंती विमला देवी करीना विनीता करन अंकित कुमार दिनेश सिरौला नीरज ङ्क्षसह क्षेत्र में ही 3150 मीटर की ऊंचाई पर स्थित नाललेख मंदिर गए थे। अचानक क्षेत्र में हिमपात हो गया। भारी हिमपात से सभी मार्ग बंद हो गए। इससे आठों श्रद्धालु मंदिर में ही फंस गए।

By Prashant MishraEdited By: Published: Tue, 11 Jan 2022 11:32 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jan 2022 11:32 PM (IST)
पिथौरागढ़ में 3150 फीट पर फंसे आठ श्रद्धालु, बर्फ में 14 किमी चलकर टीम ने किया रेस्क्यू
श्रद्धालुओं की जान बचाने वाली पुलिस और एसडीआरएफ टीम का लोगों ने आभार जताया।

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : दर्शनों के लिए 3150 मीटर की ऊंचाई पर स्थित नालालेख मंदिर पहुंचे आठ श्रद्धालु भारी हिमपात के चलते फंस गए। श्रद्धालुओं ने पूरी रात भूखे प्यासे मंदिर में गुजारी। घर नहीं लौटे तो स्वजनों ने सूचना पर तहसील प्रशासन को दी। प्रशासन की पहल पर एसडीआरएफ और पुलिस जवानों ने मंदिर पहुंच आठों श्रद्धालुओं को सकुशल निकाला।

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बलुवाकोट क्षेत्र की बसंती, विमला देवी, करीना, विनीता, करन, अंकित कुमार, दिनेश सिरौला, नीरज ङ्क्षसह क्षेत्र में ही 3150 मीटर की ऊंचाई पर  स्थित नाललेख मंदिर गए थे। अचानक क्षेत्र में हिमपात हो गया। भारी हिमपात से वापसी के सभी मार्ग बंद हो गए। इससे आठों श्रद्धालु मंदिर में ही फंस गए। देर रात तक घर नहीं लौटने पर स्वजनों ने इसकी जानकारी एसडीएम धारचूला एके शुक्ला को दी। एसडीएम ने पुलिस क्षेत्राधिकारी विनोद कुमार से समन्वय बनाकर एसडीआरएफ और पुलिस की संयुक्त टीम क्षेत्र में भेजी।

टीम 14 घंटे तक पांच फीट बर्फ की मोटी परत पर चलकर मंदिर पहुंची। मंदिर से सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाल उनके घरों तक पहुंचाया। श्रद्धालुओं को सकुशल निकालने वाली पुलिस टीम में बलुवाकोट के थाना प्रभारी अशोक धनकड़, एसडीआरएफ के एसआइ मनोहर कन्याल, कांस्टेबल मनोज टोलिया, जगमोहन, राम ङ्क्षसह, संतोष, सुरेंद्र ङ्क्षसह, ललित मोहन बोरा, सुरेश पांडेय शामिल थे। टीम को मंदिर पहुंचने तक खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। अपनी जान जोखिम में डालकर श्रद्धालुओं की जान बचाने वाली पुलिस और एसडीआरएफ टीम का लोगों ने आभार जताया है।

हिमपात से लिपुलेख-दारमा मार्ग बंद

पिथौरागढ़/मुनस्यारी/धारचूला : तीन दिन तक हिमपात और बारिश के बाद मंगलवार को मौसम खुला। दिन में धूप खिली। जनपदवासियों ने गुनगुनी धूप का आनंद लिया। ताजा बर्फ पिघलने से चल रही बेहद सर्द हवाओं के चलते कंपकंपी बनी रही। भारी बर्फबारी से बंद थल-मुनस्यारी मार्ग चौबीस घंटे बाद यातायात के लिए खुल सका है। दारमा और लिपुलेख सहित बर्फीले क्षेत्र की सड़के अभी भी बंद हैं। सोमवार की भारी बारिश और हिमपात के बाद मंगलवार को मौसम साफ रहा।

थल-मुनस्यारी मार्ग पर लोडर मशीन से बर्फ हटाकर वाहन चलने योग्य बना दिया गया है। आसमान साफ होने के चलते रात को पाला गिरने पर मार्ग के फिर से बंद होने के आसार बने हैं। क्योंकि धूप खिलने से बर्फ के सड़क पर गिरने और ऊपर से पाला गिरने पर बर्फ पर वाहन संचालन कठिन होगा। धारचूला में भी दारमा, लिपुलेख और सिर्खा मार्ग बंद हैं। बर्फीले क्षेत्रों में अभी भी जनजीवन आम नहीं हो सका है। मार्गों बर्फ जमे होने से लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। इधर जिला मुख्यालय के निकटवर्ती थलकेदार चोटी और ध्वज चोटी पर भी हल्का हिमपात हुआ।


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