आरटीई के तहत आए 55 करोड़ रुपये को दबाए बैठे हैं विभाग के अफसर nainital news
पूर्व में जारी किए गए इस बजट को गरीब बच्चों तक पहुंचाने में नैनीताल ऊधमसिंह नगर हरिद्वार देहरादून जैसे बड़े जिले फिसड्डी साबित हुए हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन : राज्य में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के 55 करोड़ के बजट पर शिक्षा विभाग के अफसर खुद ही कुंडली मारकर बैठ गए हैं। पूर्व में जारी किए गए इस बजट को गरीब बच्चों तक पहुंचाने में नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार, देहरादून जैसे बड़े जिले फिसड्डी साबित हुए हैं। अफसरों की काहिली का संज्ञान लेते हुए सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने सभी जिलों से दस दिन के भीतर आरटीई में प्रवेशित बच्चों की जांच आख्या व बजट उपभोग प्रमाण पत्र तलब कर लिया है। शासन स्तर से पूर्व में आरटीई के तहत 55 करोड़ का बजट शिक्षा विभाग को दिया गया था। परियोजना निदेशालय से ये बजट जिलों को आवंटित किया गया। ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार समेत कई बड़े जिलों को सबसे अधिक 16 से 17 करोड़ का बजट मिला था, मगर जिले के अफसर अब तक ये बजट नहीं बांट सके हैं।
शिक्षा सचिव ने लिया संज्ञान तो मचा हड़कंप
लापरवाही के मामले का संज्ञान लेते हुए सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के तहत प्रवेशित बच्चों के सत्यापन के साथ-साथ प्रतिपूर्ति धनराशि के उपभोग का प्रमाण पत्र देने को कहा है। पत्र में ये स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि प्राइवेट स्कूलों व संबंधित बच्चों के बैंक खाते में रकम निर्धारित समय पर पहुंच रही है या नहीं, इसकी कोई पारदर्शी व्यवस्था न होने के कारण फर्जी प्रवेश व खातों में धनराशि न पहुंचने की शिकायतें शासन को मिल रहीं हैं। ऐसे में जांच की जानी जरूरी है।
अफसरों में मची खलबली
एकाएक उपभोग प्रमाण पत्र देने व आरटीई प्रवेश की जांच करने के आदेश से जिले के अफसरों में खलबली मची हुई है। नैनीताल जिले के डीईओ बेसिक की ओर से सभी उपशिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर दो दिन में जांच आख्या उपलब्ध कराने को कहा गया है। अपर राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने बताया कि पूर्व में आरटीई के तहत सभी जिलों को 55 करोड़ का बजट जारी हुआ था। लेकिन ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, हरिद्वार, देहरादून जैसे बड़े जिलों में धनराशि नहीं बांटी जा सकी है। इन शिकायतों का संज्ञान लेकर उपभोग प्रमाण पत्र व आरटीई प्रवेश की जांच आख्या दस दिन में तलब की है।
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