शिक्षा विभाग ने बच्चों का आधार कार्ड बनाने में नहीं ली रुचि, कई ब्लॉकों में उपकरणों का भी बता नहीं
सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का आधार न बन पाने के कारण कई दिक्कतें आ रही हैं। इन्हीं दिक्कतों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों में शिक्षा विभाग को आधार किट दी। जिससे कि बच्चों को यहां-वहां भटकना न पड़े और उनके आधार कार्ड बन जाएं।
ल्द्वानी, जागरण संवाददाता : सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का आधार न बन पाने के कारण कई दिक्कतें आ रही हैं। इन्हीं दिक्कतों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों में शिक्षा विभाग को आधार किट दी। जिससे कि बच्चों को यहां-वहां भटकना न पड़े और उनके आधार कार्ड बन जाएं।
मगर, कई जिलों में शिक्षा विभाग इन आधार किटों का संचालन करने के बजाय उन्हें दबाए बैठा है। नैनीताल जिले में कुछ विकासखंडों को छोड़ दिया जाए तो अन्य में आधार किट कहां हैं यह तक अफसरों को पता नहीं है। मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए बेसिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से किट संचालन की रिपोर्ट एक सप्ताह में पेश करने को कहा है।
प्रत्येक ब्लॉक को मिली थी तीन किट
बच्चों के आधार बनाने के लिए उत्तराखंड में प्रत्येक जिले में शिक्षा विभाग को प्रत्येक ब्लॉक के लिए तीन-तीन आधार किटें मिली थी। जिनका संचालन सरकारी स्कूलों में किया जाना था। इसके लिए बाकायदा विभाग के ही लिपिक संवर्ग को देहरादून में ट्रेनिंग दी गई थी।
यह होती है आधार किट
आधार किट में वो सभी उपकरण शामिल हैं जो बैंकों या जनाधार केंद्रों में आधार कार्ड बनाने के काम आती है। इसमें एक कंप्यूटर सेट, फोटोग्राफी किट, ऊंगलियों के निशान लेने वाली डिवाइस शामिल है।
अपर निदेशक ने जताई नाराजगी
आधार किटों का संचालन न होने पर बेसिक शिक्षा अपर निदेशक वीएस रावत ने मुख्य शिक्षा अधिकारियों से नाराजगी जताई है। कहा है कि जिले में ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर व निदेशालय स्तर पर गठित आधार सेल से समन्वय स्थापित करते हुए सभी किटों को संचालित किया जाए। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही न बरती जाए।
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