नैनीताल में आरटीई के तहत दाखिले के लिए एक हजार गरीब बच्चों को नहीं जुटा पाया शिक्षा विभाग
शिक्षा विभाग गरीब बच्चों की शिक्षा को लेकर कितना संजीदा है इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि एक साल में जिले का पूरा महकमा एक हजार बच्चे तक प्राइवेट स्कूलों में दाखिले के लिए नहीं जुटा सका।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : शिक्षा विभाग गरीब बच्चों की शिक्षा को लेकर कितना संजीदा है इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि एक साल में जिले का पूरा महकमा एक हजार बच्चे तक प्राइवेट स्कूलों में दाखिले के लिए नहीं जुटा सका। दिलचस्प बात तो ये है कि सात ब्लाकों में 100 बच्चों को तक दाखिला नहीं मिला है। दफ्तर में बैठक आदेश जारी करने तक सीमित रह गए अफसरों की वजह से शिक्षा का अधिकार (आरटीई) को पलीता लगता नजर आ रहा है। आलम ये है कि नैनीताल जिले में शिक्षा विभाग पहली लाटरी के 1031 बच्चों में से अब तक महज 703 बच्चों को ही दाखिला दिला सका है।
चार ब्लाक सबसे फिसड्डी
आरटीई के तहत गरीब बच्चों को दाखिला दिलाने में इस कदर लापरवाही भरा रवैया अपनाया जा रहा है कि जिले के आठ ब्लाकों में से चार ब्लाकों में दस बच्चे भी दाखिले के लिए नहीं जुटाए जा सके हैं। रामगढ़ और बेतालघाट में तो एक भी बच्चा आरटीई दाखिला नहीं ले सका है।
प्राइवेट स्कूलों में पहली कक्षा में मिलता है दाखिला
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निर्धन तबके के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में सबसे छोटी कक्षा में प्रवेश दिया जाता है। इसके लिए शिक्षा विभाग हर साल नया सत्र शुरू होने से पहले आवेदन मांगता है। जिसके बाद राज्य स्तर पर लाटरी निकाली जाती है। इस बार देहरादून में निकाली गई लाटरी लगातार विवादों में रही है। आरटीई दाखिला लेने वाले बच्चों को पहली से आठवीं तक की पढ़ाई के लिए कोई फीस नहीं भरनी पड़ती है। इन बच्चों की फीस व अन्य का खर्चा सरकार द्वारा प्राइवेट स्कूलों को दिया जाता है।
ये है स्थिति
ब्लाक दाखिले
हल्द्वानी 527
कोटाबाग 66
भीमताल 50
रामनगर 48
धारी 07
ओखलकांडा 05
रामगढ़ 00
बेतालघाट 00