नंधौर आने वाले श्रमिकों के बच्चों का संवरेगा भविष्य, खुल रहे दो मुस्कान सेंटर
उत्तर प्रदेश, बिहार समेत अन्य राज्यों से नंधौर में मजदूरी करने के लिए पहुंचने वाले श्रमिकों से जुड़ी अच्छी खबर है। वन निगम अब गौला की तर्ज पर यहां भी मुस्कान केंद्र खुलेगा।
हल्द्वानी, गोविंद बिष्ट : उत्तर प्रदेश, बिहार समेत अन्य राज्यों से नंधौर में मजदूरी करने के लिए पहुंचने वाले श्रमिकों से जुड़ी अच्छी खबर है। वन निगम अब गौला की तर्ज पर यहां भी मुस्कान केंद्र खुलेगा। जहां श्रमिक बच्चों के बीच शिक्षा की अलख जगाने का प्रयास होगा।
कुमाऊं की नदियों में उपखनिज भरान में जुटने वाले श्रमिक हर साल दीवाली के बाद हल्द्वानी, लालकुआं, रामनगर, चोरगलिया आदि जगहों पर डेरा जमाते हैं। वन निगम गौला, शारदा आदि नदियों में काम करने वाले मजदूरों के बच्चों के लिए मुस्कान सेंटर खोलता है। जिसमें बच्चों को मुफ्त शिक्षा के साथ कॉपी-किताब व यूनिफार्म भी दी जाती है। नंधौर में पिछले दो साल तक लीज खत्म होने की वजह से खनन बंद रहा। पिछले सत्र में बड़ी मुश्किल से अनुमति मिलने के बाद जल्दबाजी में करीब 42 दिन खनन हो सका।
इस बार नंधौर में उपखनिज भरपूर मात्रा में है। इसके अलावा दस साल तक कोई अड़ंगा भी नहंी है। 20 नवंबर से मजदूरों के पहुंचने का दौर शुरू हो जाएगा। वन निगम के मुताबिक कड़ापानी गेट पर एक सेंटर लगभग तैयार हो चुका है। दूसरे के लिए ऐसी जगह तलाशी जा रही है। जहां खनन वाहनों की आवाजाही कम होने के साथ बच्चे आसानी से पहुंच सके।
मेडिकल व शिक्षा सुविधा देना जिम्मेदारी
वन विभाग की नदियों में उपखनिज निकासी का काम वन निगम का होता है। इसमें काम करने वाले मजदूरों व परिवार को मेडिकल सुविधा, बच्चों की शिक्षा कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटीज (सीएसआर) के तहत देना अनिवार्य है। भारत सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक मजदूर व उसका परिवार सीधा उस परियोजना से जुड़ा है।
मिड-डे मील की मांग
खनन श्रमिकों ने मुस्कान केंद्र में बच्चों के लिए मिड-डे मील योजना शुरू करवाने की मांग की है। श्रमिक राजेंद्र व भोलाराम ने कहा कि दिनभर नदी में काम करने की वजह से कई बार बच्चों को भोजन नहीं मिल पाता। लिहाजा बच्चों के लिए यह व्यवस्था करनी चाहिए।
एक सेंटर का काम पूरा, दूसरा भी जल्द बनाया जाएगा
प्रेम सिंह बोरा, डीएलएम नंधौर ने बताया कि दो मुस्कान सेंटर खोले जाने थे। एक का काम लगभग पूरा हो चुका है। दूसरा भी जल्द बनाया जाएगा। श्रमिक बच्चों को हर सुविधा मिलेगी।
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