Move to Jagran APP

हड़ताल का असर : एसटीएच में 2100 के पार पहुंची मरीजों की संख्या

निजी अस्पताल चार दिन से पूरी तरह बंद हैं। इससे मरीजों की मुसीबत बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 05:30 AM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 05:30 AM (IST)
हड़ताल का असर : एसटीएच में 2100 के पार पहुंची मरीजों की संख्या
हड़ताल का असर : एसटीएच में 2100 के पार पहुंची मरीजों की संख्या

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: निजी अस्पताल चार दिन से पूरी तरह बंद हैं। इससे मरीजों की मुसीबत बढ़ती जा रही है। हालात यह हैं कि सोमवार को सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी। एसटीएच में सामान्य दिनों में जहां 1500 से 1800 मरीज पहुंचते थे, वहीं सोमवार को 2100 मरीज पहुंचे। ऐसी ही स्थिति बेस व महिला अस्पताल की भी है। व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर अस्पताल प्रबंधन के पसीने छूट गए हैं। सबसे अधिक दिक्कत न्यूरो से संबंधित मरीजों को हो रही है। इस तरह के करीब 35 मरीज दूसरे राज्यों में उपचार कराने गए हैं। एसटीएच में ये रहे हालात

loksabha election banner

2100 मरीज ओपीडी में पहुंचे

550 मरीज भर्ती हैं

250 मरीजों का एक्सरे हुआ

35 मरीजों का सीटी स्कैन हुआ

22 मरीजों का एमआरआ किया गया

95 नए मरीज भर्ती हुए

1250 मरीज बेस अस्पताल में पहुंचे

458 मरीज महिला अस्पताल में पहुंचे

35 मरीज दूसरे राज्य में हुए रेफर आइएमए ने जारी की अपील

आइएमए ने सोमवार को अग्रसेन भवन में बैठक की। इस दौरान डॉक्टरों ने जनता के लिए अपील जारी की। इसमें कहा गया है कि यह हड़ताल नहीं, सरकार द्वारा हम पर थोपा गया अव्यावहारिक एक्ट है। इस एक्ट की शर्तो को पूरा करना मुश्किल है। जबकि सरकार खुद इस एक्ट को अपने अस्पतालों में लागू नहीं कर सकती है। प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाएं निजी अस्पतालों पर टिकी हैं। ऐसे में सहयोग के स्थान पर उत्पीड़न किया जा रहा है। दूरस्थ क्षेत्रों में सरकार एमबीबीएस डॉक्टरों को भी पहुंचाने में असमर्थ है। वहां पर अकुशल स्वास्थ्य कर्मियों के हवाले स्वास्थ्य सेवाएं संचालित हैं। इस तरह के एक्ट से गरीब जनता पर ही बोझ पड़ेगा। मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सभी डॉक्टरों व स्टाफ को पूरी मुस्तैदी से ड्यूटी करने के निर्देश दिए गए हैं। जितना संभव हो सके, इलाज दिया जा रहा है। बहुत जरूरी होने पर ही रेफर किया जा रहा है।

प्रो. सीपी भैंसोड़ा, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज अभी तक रेफर किए जाने की सूचना मेरे संज्ञान में नहीं है। सभी अस्पतालों में मरीजों का इलाज हो रहा है। इसके लिए पहले ही अस्पतालों को निर्देश दे दिए थे।

-डॉ. भारती राणा, सीएमओ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.