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वार्ड नंबर 37 में जमीन फ्री होल्ड न होने से नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ, नदारद हैं मूलभूत सुविधाएं

वार्ड नंबर 37 में घनी आबादी बस चुकी है। इसके बावजूद यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। क्षेत्र की सबसे गंभीर समस्या जमीन का फ्री होल्ड अब तक नहीं होना है। इसके साथ ही क्षेत्र के आंतरिक मार्गों की हालत काफी खस्ता है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 06 Feb 2021 10:32 AM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2021 10:32 AM (IST)
वार्ड नंबर 37 में जमीन फ्री होल्ड न होने से नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ, नदारद हैं मूलभूत सुविधाएं
सफाई कर्मचारियों की तैनाती भी अब तक वार्ड में नहीं हुई है।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : दमुवाढूंगा व चौफुला के लोगों को अब तक जमीन का मालिकाना हक नहीं मिल पाया है। वन भूमि मामले का निस्तारण नहीं होने से क्षेत्रवासियों की जमीन फ्री होल्ड नहीं हो पा रही है। इससे सरकारी योजनाओं व बैंक ऋण भी लोगों को नहीं मिल पा रहा है। इसके साथ ही जर्जर सड़कें, पेयजल संकट समेत कई समस्याओं से क्षेत्रवासी जूझ रहे हैं। नगर निगम में कई बार समस्याएं उठाने के बाद भी दमुवाढूंगा वालों को राहत नहीं मिल पा रही है। 

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दमुवाढूंगा के वार्ड नंबर 37 में घनी आबादी बस चुकी है। इसके बावजूद यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। क्षेत्र की सबसे गंभीर समस्या जमीन का फ्री होल्ड अब तक नहीं होना है। इसके साथ ही क्षेत्र के आंतरिक मार्गों की हालत काफी खस्ता है। टूटी सड़कों की वजह से यहां अक्सर हादसे होते रहते हैं। वार्ड के हल्दीखाल, मल्ला मित्रपुरम, मल्ला चौफुला, हरिपुर गांगु क्षेत्र में साल भर पेयजल का संकट गहराया रहता है। अब तक स्ट्रीट लाइटें नहीं लगायी गयी हैं। इसके साथ ही लोग लो वोल्टेज की समस्या से परेशान हैं। इस वार्ड से बरसाती नाला गुजरता है, जो बरसात के सीजन में कई बार उफान पर आ जाता है। नाले के दोनों ओर सुरक्षा दीवार न होने से हर समय हादसे का खतरा बना रहता है। सफाई कर्मचारियों की तैनाती भी अब तक वार्ड में नहीं हुई है।

एडवोकेट हरीश आर्य का कहना है कि दमुवाढूंगा की जमीनें फ्री होल्ड न होने से कई सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। लोगों को बैंक तक ऋण नहीं देता है। ऋण न मिलने से गरीब जनता स्वरोजगार तक नहीं शुरू कर पा रही है। मनोज गोस्वामी ने बताया कि क्षेत्र में पेयजल की गंभीर समस्या है। महिलाएं को दिनभर पानी के लिए भटकना पड़ता है। ऊंचाई पर क्षेत्र होने से कई कालोनियों तक पानी नहीं पहुंच पाता है। जनप्रतिनिधियों से लेकर जलसंस्थान को कई बार समस्या से अवगत कराया जा चुका है।

अलका आर्य का कहना है सरकार ने वार्ड को नगर निगम में शामिल तो कर लिया, लेकिन सुविधाएं देने की सुध नहीं ली जा रही है। अब तक स्ट्रीट लाइटें नहीं लगी हैं। इससे टूटी सड़कों पर अंधेरे में चलना काफी मुश्किल हो जाता है। अक्सर हादसे होते रहते हैं। दीपक टम्टा बताते हैैं कि क्षेत्र की अधिकांश सड़कें जर्जर हाल हो चुकी हैं। टूटी सड़कों से यहां आए दिन हादसे होते हैं। नगर निगम में शामिल हुए दो साल से अधिक समय बीत चुका है। इसके बावजूद क्षतिग्रस्त सड़कों का पुनर्निर्माण नहीं कराया जा रहा है। क्षेत्र में विद्युत पोल जर्जर हाल हो चुके हैं। जिनके टूटने से हादसा होने का खतरा बना हुआ है। स्ट्रीट लाइटें भी अब तक नहीं लगी हैं। लो-वोल्टेज की समस्या पूरे क्षेत्र में बनी रहती है। ऊर्जा निगम बिजली की समस्या का समाधान नहीं कर रहा है।

विद्या देवी बताती हैं कि क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। भूमि फ्री होल्ड का प्रस्ताव लगातार नगर निगम बोर्ड बैठक में रखा जा रहा है। इसके साथ ही लोगों को 10 साल तक टैक्स की छूट दिलाने का प्रयास है। बिजली, पानी व सड़क के प्रस्ताव भी हर बोर्ड की बैठक में रखे जा रहे हैं। 


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