Move to Jagran APP

चम्‍पावत में गहराया पेयजल संकट, पिकप से पानी मंगवाकर शादी निपटा रहे लोग

नगरीय इलाकों में जल संस्थान टैकरों से पानी बांट रहा है तो ग्रामीण इलाकों में संकट से जूझ रहे लोग बूंद-बूंद को मोहताज हैं। पाटी विकास खंड के मूलाकोट के ग्रामीण तो धार्मिक एवं अन्य कार्यक्रम निपटाने के लिए अपनी जेब से भाड़ा देकर पिकप से पानी मंगवा रहे हैं।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 07:39 PM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 07:39 PM (IST)
चम्‍पावत में गहराया पेयजल संकट, पिकप से पानी मंगवाकर शादी निपटा रहे लोग
स्रोत का पानी काफी कम होने से चार दिनों से नलों में पानी नहीं आ रहा है।

चम्पावत, जागरण संवाददाता : चम्पावत जिले में पेयजल संकट लगातार गहराता जा रहा है। कोई भी ऐसा इलाका नहीं है जहां पेयजल लाइनों से नियमित पानी मिल रहा हो। नगरीय इलाकों में जल संस्थान टैकरों से पानी बांट रहा है तो ग्रामीण इलाकों में संकट से जूझ रहे लोग बूंद-बूंद को मोहताज हैं। पाटी विकास खंड के मूलाकोट के ग्रामीण तो धार्मिक एवं अन्य कार्यक्रम निपटाने के लिए अपनी जेब से भाड़ा देकर पिकप से पानी मंगवा रहे हैं। चम्पावत एवं लोहाघाट नगर में भी नलों में नियमित आपूर्ति नहीं हो रही है।

loksabha election banner

मूलाकोट में यहां हर घर नल योजना के तहत लोगों को कनेक्शन दे दिए गए हैं लेकिन जल स्रोत में पानी कम होने के कारण नलों में पानी नहीं आ रहा है। पेयजल संकट के कारण गांव में होने वाले शादी ब्याह व अन्य धार्मिक कार्यक्रम प्रभावित हो गए हैं। लोग अपनी जेब से पैसा खर्च कर पिकप के माध्यम से पानी मंगवा रहे हैं। ग्रामीण भुवन सिंह अधिकारी, आनंद सिंह, जसोद सिंह, गोपाल सिंह ने बताया कि मूलाकोट के लिए देवीधुरा के रौ गाड़ जल स्रोत से पानी आता है, लेकिन स्रोत का पानी काफी कम होने से चार दिनों से नलों में पानी नहीं आ रहा है।

बताया कि गांव में दो हैंडपंप लगे हैं लेकिन उनसे लाल पानी निकल रहा है। इधर पाटी बाजार में एक मात्र हैंडपंप में औसर (बारी का इंतजार) करना पड़ा रहा है। देर रात तक लोग हैंडपंप से पारी भर रहे हैं। हैंडपंप से पानी भी काफी कम आ रहा है। उमेश पचौली, नीरज थापा, शेखर चंद्र आदि ने बताया कि पाटी बाजार के अलावा आस-पास के ग्रामीण इलाकों में भी पेयजल का गंभीर संकट बना हुआ है। पवन बिष्ट, अपर सहायक अभियंता, जल संस्थान ने बताया कि बारिश न होने के करण लगातार जल स्रोत सूख रहे हैं। अप्रैल पहले पखवाड़े तक पर्याप्त बारिश नहीं हुई तो 30 प्रतिशत जल स्रोतों का पानी पूरी तरह सूख सकता है। अत्यधिक समस्या वाले क्षेत्रों में टैंकरों से पानी बांटा जा रहा है।

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.