उच्च हिमालय की पहली जल विद्युत परियोजना का ड्राफ्ट तैयार, 120 मेगावाट की है परियोजना
उच्च हिमालय की पहली जल विद्युत परियोजना का ड्राफ्ट बनकर तैयार हो गया है। 120 मेगावाट की इस परियोजना का कार्य चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद शुरू होने की उम्मीद है।
पिथौरागढ़, जेएनएन : उच्च हिमालय की पहली जल विद्युत परियोजना का ड्राफ्ट बनकर तैयार हो गया है। 120 मेगावाट की इस परियोजना का कार्य चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद शुरू होने की उम्मीद है। इस परियोजना से 400 मेगावाट बिजली पैदा होगी।
सीमांत तहसील मुनस्यारी से लगभग 30 किलोमीटर दूर बुगडियार के समीप बहने वाली गोरी गंगा में जल विद्युत परियोजना तैयार करने की कवायद पिछले पांच वर्षों से चल रही है। तमाम टेस्टिंग, परियोजना स्थल के वन भूमि अधिनियम से मुक्ति आदि की प्रक्रिया पूरी होने के बाद निगम ने योजना का फाइनल ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। योजना पूरी तरह रिवर रन होगी। बुगडियार के समीप रुपसियाबगड़ में परियोजना पावर हाउस बनाया जाएगा। गोरी गंगा के पानी को टनल के जरिए यहां तक लाए जाएगा। इसी तर्ज पर एनएचपीसी ने छिरकिला में 280 मेगावाट की धौली गंगा जल विद्युत परियोजना तैयार की है। परियोजना स्थल तक सड़क पहुंचाने का काम इन दिनों चल रहा है। आचार संहिता खत्म होने के बाद परियोजना का कार्य शुरू हो जाने की उम्मीद है। परियोजना के निर्माण में 1200 करोड़ की धनराशि खर्च होने का अनुमान है।
2026 तक पूरी होगी परियोजना
सीमांत तहसील मुनस्यारी के रू पसियाबगड़ में बनने वाली 120 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना 2026 तक पूरी होगी। परियोजना के 2020 में शुरू होने की उम्मीद है। परियोजना में प्रबंधक स्टाफ के अलावा इंजीनियिरिंग स्टाफ, लोअर टेक्निकल स्टाफ, कम्प्यूटर आपरेटर, लाइनमैन, श्रमिक के रू प में 400 लोगों को स्थाई रोजगार मिलेगा। जबकि अस्थाई रू प से 1000 से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। परियोजना स्थल के आस-पास बाजार विकसित होने से स्थानीय लोग रोजगार कर सकेंगे। स्थानीय काश्तकारों को साग-सब्जी, दूध, मांस आदि का बाजार उपलब्ध होगा। परियोजना से उत्पादित होने वाली पूरी बिजली उत्तराखंड सरकार की होगी। इससे राज्य की आमदनी में इजाफा होगा।
तैयार है परियोजना का ड्राफ्ट
उमेश जोशी, सहायक अभियंता, लघु जल विद्युत निगम ने बताया कि रूपसियाबगड़ परियोजना का ड्राफ्ट तैयार है। इसका कार्य जल्द शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही धारचूला तहसील में 230 मेगावाट की सेला उर्थिग और 12 मेगावाट की तांकुल परियोजना की स्वीकृति का कार्य भी अंतिम चरण में हैं। इन परियोजनाओं का निर्माण शुरू हो जाने पर जिले में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
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