पीपीई किट में तीन डॉक्टरों ने कोरोना संक्रमित प्रसूता का क्रिटिकल ऑपरेशन कर दी नई जिंदगी
कुमाऊं के सबसे बड़े अस्पताल सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल के नाम एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। कोरोना संक्रमित प्रसूता डॉक्टरों ने क्रिटकिल ऑपरेशन किया है।
हल्द्वानी, जेएनएन : कुमाऊं के सबसे बड़े अस्पताल सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल के नाम एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। यहां के डॉक्टरों ने कोरोना संक्रमित प्रसूता की जान यूट्रीन इन्वर्जन (बच्चेदानी पलट जाना)जैसी जानलेवा स्थिति से बचाने में कामयाबी पाई है। करीब दो घंटे का यह ऑपरेशन अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के डॉक्टरों को पीपीई किट में ही करना पड़ा।
बीते रविवार को पौड़ी गढ़वाल के नैनीडांडा ब्लॉक से 21 वर्षीय महिला को प्रसव के बाद यूट्रीन इन्वर्जन के चलते गंभीर हालत में एसटीएच रेफर किया गया था। इस स्थिति में प्रसूता की जान जाने का खतरा बना हुआ था। महिला कोरोना संक्रमित थी और शरीर में खून की कमी भी थी। इसके बावजूद अस्पताल के सीनियर डॉक्टरों ने महिला का सफल ऑपरेशन कर दिखाया।
स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष डॉ. गीता जैन ने बताया कि प्रसव के दौरान बच्चेदानी पलट जाने से जान का खतरा दोगुना हो जाता है। समय पर सही इलाज न मिला तो जान जा सकती है। प्रसव के 20,000 मामलों में से किसी एक में इस तरह की स्थिति सामने आती है। ऑपरेशन काफी कठिन था ऊपर से पीपीई किट में ऑपरेशन करना उससे भी ज्यादा मुश्किल था।
डॉ. जैन ने बताया कि फिलहाल प्रसूता सुरक्षित है। बताया कि इन दिनों कुमाऊं भर से गर्भवतियों को प्रसव के लिए एसटीएच रेफर किया जा रहा है। जिसके चलते अब तक अस्पताल में गर्भवतियों के 53 सामान्य व 34 सिजेरियन प्रसव हो चुके हैं। राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के प्राचार्य डॉ. सीपी भैसोड़ा ने स्त्री प्रसूति विभाग के सभी डॉक्टरों के इस कार्य को काबिलेतारीफ बताया है।