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नाले में मिले नवजात की पहचान के लिए चार लोगों का डीएनए जांच को भेजा गया था, जीजा निकला पिता, एक आरोपित कर चुका है खुदकुशी

उत्तराखंड की ये घटना मनुष्यता को शर्मशार करने वाली है। नैनीताल के मल्लीताल क्षेत्र में बीते छह फरवरी को नाले में पड़ी मिली नवजात मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। मामले में नवजात की नाबालिग मां का जीजा ही नवजात का पिता निकला।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 01:26 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 01:26 PM (IST)
नाले में मिले नवजात की पहचान के लिए चार लोगों का डीएनए जांच को भेजा गया था, जीजा निकला पिता, एक आरोपित कर चुका है खुदकुशी
उत्तराखंड की ये घटना मनुष्यता को शर्मशार करने वाली है।

नैनीताल, जेएनएन : उत्तराखंड की ये घटना मनुष्यता को शर्मशार करने वाली है। नैनीताल के मल्लीताल क्षेत्र में बीते छह फरवरी को नाले में पड़ी मिली नवजात मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। मामले में नवजात की नाबालिग मां का जीजा ही नवजात का पिता निकला। डीएनए रिपोर्ट से पुलिस ने मामले का खुलासा किया है। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है। मामले में चार लोगों के डीएनए जांच के लिए भेजे गए थे। एक नाबालिक आरोपित जेल से बाहर आने के बाद खुदकुशी कर चुका है।

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इसी साल छह फरवरी को नगर के स्टाफ हाउस सात नंबर क्षेत्र में राहगीरों को नवजात शिशु नाले में पड़ा हुआ मिला था। जिसके बाद तत्काल नवजात को बीडी पांडे जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां उपचार के बाद हल्द्वानी रेफर कर उसे बचा लिया गया। पुलिस की ओर से 7 फरवरी को प्रकरण में अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 315, 307 और 201 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई। डीएम ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए नवजात की मां के संबंध में जानकारी देने वाले को दस हजार का ईनाम देने की घोषणा कर दी। तफ्तीश के दौरान क्षेत्र की एक नाबालिक किशोरी ने संबंधित नवजात की मां होने की बात कबूल की। हालांकि उसके बयानों में नवजात के पिता की स्पष्टता सामने नहीं आ सकी।

नाबालिग ने मजिस्ट्रेट के सामने दिए 164 के बयानों में अपने नाबालिग चचेरे भाई पर ही दुष्कर्म के आरोप लगाए थे। मामले में संबंधित किशोर को पोक्सो कोर्ट में पेश कर बाल सुधार गृह भेज दिया गया था। साथ ही किशोर का डीएनए सैम्पल जांच को भेजे गए। मामले में बाहर आने के बाद आहत होकर किशोर ने आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद आई किशोर की डीएनए रिपोर्ट नवजात से मेल नहीं खाई।

मामले में पुलिस ने नए सिरे से जांच करते हुए शक के आधार पर चार लोगों के सैंम्पल लेकर डीएनए परीक्षण को भेजा गया। इधर डीएनए जांच की रिपोर्ट में नाबालिक का जीजा ही उसके जैविक पिता के रूप में पुष्ट हुआ है। पुलिस ने स्टाफ हाउस सात नंबर निवासी धनीराम के खिलाफ आईपीसी की धारा 201, 307, 315, 376 और 3/4 पोक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेशी के बाद उसे जेल भेज दिया है।


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