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रेलवे की भूमि अतिक्रमण मामले में डीएम 24 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर दाख‍िल करें रिपोर्ट

हल्द्वानी निवासी रवि शंकर जोशी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि कोर्ट ने पिछले साल डीआरएम को निर्देश दिए थे कि गफूर बस्ती में अतिक्रमण के मामले पर जल्द से जल्द सुनवाई कर केस का निस्तारण करें। पर अभी डीआरएम व स्टेट ऑफिसर द्वारा निस्तारण नहींं किया है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 17 Mar 2021 05:06 PM (IST)Updated: Wed, 17 Mar 2021 05:06 PM (IST)
रेलवे की भूमि अतिक्रमण मामले में डीएम 24 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर दाख‍िल करें रिपोर्ट
डीआरएम को निर्देश दिए थे कि उनकी शिकायतों को निर्धारित समय के भीतर निस्तारित करे।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाकोर्ट ने हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए डीएम नैनीताल से यह बताने को कहा है कि यह भूमि किसकी है , अभी तक इस भूमि का डिमार्केशन हुआ है या नही। कोर्ट ने डीएम को 24 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।

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मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई।पूर्व में कोर्ट ने सभी प्रार्थना पत्रो पर 31 मार्च 2021 तक सुनवाई पूरी करने को कहा था परंतु बुधवार को रेलवे की तरफ से प्रार्थरना पत्र देकर कहा गया कि जिन अतिक्रमणकारियो को नोटिस दिया गया है, अभी उनके प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई नही हो सकी है, लिहाजा उनकी सुनवाई हेतु अतरिक्त समय दिया जाय। हल्द्वानी निवासी रवि शंकर जोशी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि कोर्ट ने पिछले साल डीआरएम को निर्देश दिए थे कि गफूर बस्ती में अतिक्रमण के मामले पर जल्द से जल्द सुनवाई कर केस का निस्तारण करें। पर अभी तक डीआरएम व स्टेट ऑफिसर द्वारा एक भी केस का निस्तारण नहींं किया है।

याचिकाकर्ता का कहना है कि उच्च न्यायालय ने पूर्व में रेलवे की भूमि को खाली कराने के निर्देश दिए थे, जिसमें हल्द्वानी की गफूर बस्ती बसी हुई है। कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय तक रोक लगा दी थी परन्तु उच्च न्यायालय ने प्रभावितों को निर्देश दिए थे कि जो प्रभावित है, वे अपनी शिकायत डीआरएम इज्जतनगर में कर सकते है और डीआरएम को निर्देश दिए थे कि उनकी शिकायतों को निर्धारित समय के भीतर निस्तारित करे। इस बीच 4365 लोगो द्वारा अपनी शकायतें डीआरएम को की गई परन्तु इन पर अभी तक कोई निर्णय नही लिया गया।

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