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अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में बनेगा जिले का पहला पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट

तीसरी लहर बच्चों से किशोरवय तक घातक होने का अंदेशा जताया जा रहा। इसके मुकाबले को पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट की स्थापना को कदम बढ़ा लिए गए हैं। पहले चरण में आइसीयू सुविधा से लैस बच्चों के 10 तथा 20 बेड वाला वार्ड वयस्कों के लिए बनाया जा रहा है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 10 Jul 2021 08:33 AM (IST)Updated: Sat, 10 Jul 2021 08:33 AM (IST)
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में बनेगा जिले का पहला पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट
एक हजार लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) क्षमता वाले नए ऑक्सीजन प्लांट की तैयारी भी कर ली गई है।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : वैश्विक महासंकट कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज एवं अनुसंधान संस्थान में युद्धस्तर पर तैयारी तेज कर दी गई है। चूंकि तीसरी लहर बच्चों से किशोरवय तक घातक होने का अंदेशा जताया जा रहा। लिहाजा इसके मुकाबले को पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) की स्थापना को कदम बढ़ा लिए गए हैं। पहले चरण में आइसीयू सुविधा से लैस बच्चों के 10 तथा 20 बेड वाला वार्ड वयस्कों के लिए बनाया जा रहा है। खास बात कि पीकू के सफल संचालन को एक हजार लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) क्षमता वाले नए ऑक्सीजन प्लांट की तैयारी भी कर ली गई है।

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कोरोनाकाल की संभावित तीसरी चुनौती से पार पाने को स्वास्थ्य विभाग शून्य से 18 आयुवर्ग तक के वास्तविक आंकड़े जुटाने को दोबारा जनगणना करने जा रहा है। इस बीच अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज ब्लॉक व उसके अधीन संचालित कोविड-19 बेस चिकित्सालय में पुख्ता बंदोबस्त के लिए कसरत तेज हो गई है। नए भवन को पीकू के लिए बनाया जाने लगा है। प्राचार्य डा. रामगोपाल नौटियाल के प्रयासों से 6.18 करोड़ की लागत से पीकू को मूर्तरूप दिया जाने लगा है। इसमें किशोरवय बच्चों को उपचार दिया जाएगा।

दूसरे चरण में निकू लेगा आकार

'पीकूÓ को स्थापित किए जाने के बाद 'निकूÓ यानि न्योनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (निकू) का निर्माण किया जाएगा। इसमें आपात स्थिति में नवजात बच्चों को बेहतर उपचार दिया जा सकेगा।

ताकि एंबुलेंस दौड़ाई जा सके

पेडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट के साथ ही प्राचार्य डा. रामगोपाल के निर्देशन में मेडिकल कॉलेज को जोडऩे वाली सड़क को धरातल पर उतारने की कवायद भी तेज हो गई है। रोड के लिए भूमि कटान तेज कर दिया गया है। ताकि जरूरत पडऩे पर एंबुलेंस आसानी से आ जा सके।

हरेक बेड तक पहुंचेगी पाइपलाइन

आपातकाल में प्रत्येक बेड तक जरूरतमंद को प्राणवायु दी जा सके, ऑक्सीजन सप्लाई लाइन बिछाई जा रही है। एक मरीज को जोखिम से बाहर निकालने के लिए लगातार 25 से 30 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। इसमें रुकावट न आए, इसे ध्यान में रखकर कदम बढ़ाए जा रहे।

अल्मोड़ा मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. रामगोपाल नौटियाल ने बताया कि हमारा फोकस तीसरी लहर से निपटने के साथ अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज को भी सुविधा संपन्न बनाना है। दीर्घकाल के लिए यह बेहद जरूरी है। पीकू के बाद नीकू की तैयारी है। कार्यदायी संस्था को समय पर काम पूरा करने को कहा गया है। उम्मीद है स्वतंत्रता दिवस तक पीकू वार्ड शुरू हो जाएगा।


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