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जिला बदर के बाद भी इलाके में आकर दिया अपराध को अंजाम, डीजे से जमानत नामंजूर

जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी की अदालत ने 16 मुकदमे दर्ज होने पर जिला बदर किए गए बदमाश के वापस हल्द्वानी आकर अपराध को अंजाम देने के आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने अभियोजन व बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद जमानत खारिज कर दी।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 10 Nov 2021 08:33 AM (IST)Updated: Wed, 10 Nov 2021 08:33 AM (IST)
जिला बदर के बाद भी इलाके में आकर दिया अपराध को अंजाम, डीजे से जमानत नामंजूर
जिला बदर के बाद भी इलाके में आकर दिया अपराध को अंजाम, डीजे से जमानत नामंजूर

नैनीताल, जागरण संवाददाता : जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी की अदालत ने 16 मुकदमे दर्ज होने पर जिला बदर किए गए बदमाश के वापस हल्द्वानी आकर अपराध को अंजाम देने के आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी। आरोपित को जिलाधिकारी द्वारा जिला बदर किया गया था, फिर भी उसने जिले में आकर अपराध किया तो गुंडा एक्ट लगाया गया था।

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डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने जमानत का विरोध करते हुए तर्क रखा कि सात मार्च को भोटिया पड़ाव चौकी प्रभारी प्रताप नगरकोटी ने एक बदमाश को आम्स एक्ट में तीनपानी मुक्त विश्वविद्यालय के समीप पकड़ा। पूछताछ में उसने अपना नाम सोनू धनेला उर्फ महेंद्र सिंह मूल निवासी पिठौली थाना मुक्तेश्वर, हाल निवासी आदर्श नगर विवेक विहार, थाना मुखानी हल्द्वानी बताया। पुलिस पूछताछ में यह भी बताया कि उसके खिलाफ एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। मुखानी थाने में दर्ज मुकदमे के आधार पर ही जिला बदर की कार्रवाई की गई थी। पुलिस ने जांच पड़ताल की तो पता चला कि आरोपित को जिलाधिकारी द्वारा 14 जनवरी को जिला बदर का आदेश किया गया था।

जिसके बाद मुखानी पुलिस द्वारा आदेश तामील कराकर उसे जिले से निष्कासित किया गया था। जिला बदर होने के बाद भी उंसके थाना क्षेत्र में मिलने व अन्य अपराधियों के साथ मिलकर अपराध करने पर उसके खिलाफ गुंडा एक्ट पंजीकृत किया गया। गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। डीजीसी ने कहा कि आरोपित द्वारा एक दर्जन से अधिक मुकदमों में जमानत मिलने के बाद फिर से अपराध कर कानून व्यवस्था, न्यायपालिका, जिला प्रशासन का मख़ौल उड़ाया है, जमानत मिलने पर आरोपित फिर से अपराध कर सकता है। कोर्ट ने अभियोजन व बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद जमानत अर्जी खारिज कर दी।


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