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जिला प्रशासन ने गोलज्यू चितई मंदिर में रखवाया दान पात्र, लोगों ने किया विरोध

मंदिर में प्रशासन की ओर से शुक्रवार को दान पात्र रखवा दिया गया। इससे पुजारी भड़क उठे। बोले कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे में प्रशासन बेवजह हस्तक्षेप कर रहा है। वहीं एसडीएम ने बताया कि मंदिर के धार्मिक क्रियाकलापों में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 09:28 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 09:23 AM (IST)
जिला प्रशासन ने गोलज्यू चितई मंदिर में रखवाया दान पात्र, लोगों ने किया विरोध
कमेटी को मंदिर के धार्मिक क्रियाकलापों में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं होगा।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : न्याय देवता गोलज्यू के चितई स्थित मंदिर में प्रशासन की ओर से शुक्रवार को दान पात्र रखवा दिया गया। इससे पुजारी भड़क उठे। बोले कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे में प्रशासन बेवजह हस्तक्षेप कर रहा है। वहीं, एसडीएम ने बताया कि मंदिर के धार्मिक क्रियाकलापों में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है। केवल दान पात्र ही रखे गए हैं।

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नैनीताल हाई कोर्ट ने 19 नवंबर 2020 को ऐतिहासिक चितई गोलज्यू मंदिर के प्रबंधन के मसले पर जनहित व पुनर्विचार याचिका को निस्तारित कर उपासना से संबंधित अधिकार साक्ष्य के आधार पर छह माह के भीतर निर्धारित करने के आदेश सिविल न्यायालय अल्मोड़ा को दिए थे। पक्षकारों से अपने दावे से संबंधित अर्जी सिविल कोर्ट में दाखिल करने का आदेश दिया गया था। आदेश के तहत छह माह तक मंदिर की व्यवस्था के लिए डीएम अस्थायी कमेटी बनाएंगे। इसमें पुजारियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। कमेटी को मंदिर के धार्मिक क्रियाकलापों में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं होगा।

यह है पूरा मामला

नैनीताल निवासी अधिवक्ता दीपक रूवाली ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि चितई गोलज्यू मंदिर में हर साल लाखों का चढ़ावा आता है। मंदिर के पुजारी चढ़ावे पर अपना अधिकार समझते हैं। याचिका में मंदिर को ट्रस्ट बनाने की मांग की गई थी। इधर, अल्मोड़ा की संध्या पंत ने पुनर्विचार याचिका दायर कर कहा था कि मंदिर उनके पूर्वजों ने बनाया है। साक्ष्य के रूप में पुराने दस्तावेज भी दाखिल किए। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पर्यटन सचिव की ओर से बनाई गई मंदिर प्रबंधन कमेटी से संबंधित आदेश को रिकाल कर दिया था। डीएम की अध्यक्षता में बनी कमेटी द्वारा लिए गए प्रशासनिक आदेशों को निरस्त कर दिया।  

 एसडीएम सीमा विश्वकर्मा का कहना है कि हाई कोर्ट के 19 नवंबर 2020 के आदेश के अनुपालन में ही कार्य किया जा रहा है, जिसमें मंदिर की व्यवस्थाओं का संचालन करते रहने का आदेश है। इसी के तहत डबल लाक दान पात्र जिला प्रशासन ने पुन: मंदिर में रखवा दिया है। समिति में पुजारी प्रतिनिधि भी शामिल किए गए हैं। गोलज्यू मंदिर चितई के पुजारी संतोष ने बताया कि हमने सुप्रीम कोर्ट में भी अपील दायर की है। जिला प्रशासन की ओर से अपने दान पात्र मंदिर में रखवा दिए गए हैं। मामला न्यायालय में चल रहा है। यह मंदिर के धार्मिक क्रियाकलापों में दखल देना है।


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