बेस अस्पताल में जब सीएमओ पर ही भड़क गए पीएमएस, जानिए क्या है मामला
कमिश्नर राजीव रौतेला के निर्देश पर शनिवार को सीएमओ डॉ. भारती राणा बेस अस्पताल पहुंचीं। जैसे ही वह पीएमएस डॉ. एसके शाह से अस्पताल की स्थिति के बारे में पूछने लगीं तो वह भड़क गए।
हल्द्वानी, जेएनएन : कमिश्नर राजीव रौतेला के निर्देश पर शनिवार को सीएमओ डॉ. भारती राणा बेस अस्पताल पहुंचीं। जैसे ही वह पीएमएस डॉ. एसके शाह से अस्पताल की स्थिति के बारे में पूछने लगीं तो वह भड़क गए। रजिस्टर चेक करने लगीं तो पीएमएस ने नियमों का हवाला देते हुए कहा, बेस अस्पताल आपके दायरे में नहीं आता। इस पर सीएमओ का भी पारा गरम हो गया। उन्होंने कहा, मैं यहां कमिश्नर के आदेश पर जांच करने आई हूं और आपको सवालों का जबाव देना होगा। इस पर पीएमएस कुछ नरम हुए और जबाव देने लगे।
मेडिकल प्रमाण पत्र की पर्चियां देखी
अमरनाथ यात्रा को जाने वाले लोगों के पहले मेडिकल प्रमाण पत्र बनाने होते हैं। इसके लिए बेस में बिना रसीद के ही पैसा लिए जाने का मामला सामने आया था। सीएमओ ने इस एंगल से भी मामले को देखा और रजिस्टर चेक किए। पीएमएस ने बताया कि अब रसीद दी जा रही हैं।
एंटी रैबीज वॉयल की रहती है किल्लत
एंटी रैबीज के इंजेक्शन की कमी को लेकर सीएमओ ने निरीक्षण किया तो स्टॉक में एक भी वायल नहीं मिला। उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी भी उच्चाधिकारियों को दी जाएगी।
पुराने ऑफलाइन मामले बिना जांचे कर दिए ऑनलाइन
बेस अस्पताल में दिव्यांगों के लिए मेडिकल पास बनते हैं। पहले ऑफलाइन प्रक्रिया थी, लेकिन अब ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो गई है। वर्ष 2000 से जितने भी फार्म रखे थे, कर्मचारियों ने सभी को ऑनलाइन कर दिया। इनकी जांच तक नहीं हुई। इस पर सीएमओ ने नाराजगी जताई और कहा कि प्रमाण पत्रों को ऑनलाइन करने से पहले भौतिक सत्यापन किया जाना चाहिए था। लोगों की वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए सभी फार्म ऑनलाइन किए जाने चाहिए थे। इस पर पीएमएस तर्क देते रहे।
वार्डों का भी लिया जायजा
सीएमओ ने वार्डों का भी निरीक्षण किया। कई जगह गंदगी मिली। इस पर उन्होंने साफ-सफाई दुरुस्त करने को कहा। सीएमओ ने कहा कि कुछ समय पहले 52 लाख रुपये जारी हुए थे। ऐसे में बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए। इधर, जन औषधि केंद्रों में भी दवाइयां कम मिली।
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